ड्राइविंग सिखाने की जगह पहाड़ी कोरवा को गाड़ी पर बिठा के समोसा खिलाया और फोटो लेकर 10 लाख का सरकारी भुगतान गटक लिया NGO ने

छत्तीसगढ़: सरगुजा जिले का लुंड्रा ब्लॉक। यहां पहाड़ी आदिवासी कोरवा को ड्राइविंग की ट्रेनिंग दी जानी थी। इसके लिए उन्हें गाड़ी की ड्राइविंग सीट पर बिठाया गया, फोटो ली गई और फिर समोसा खिलाकर घर भेज दिया। इस ट्रेनिंग के पूरा होने पर बकायदा उन्हें ड्राइविंग का सर्टिफिकेट भी थमा दिया गया। मीडिया में खबर प्रकाशित होने के बाद आदिवासी युवकों ने इसकी शिकायत की तो सारा मामला सामने आया। अब उसे दबाने के लिए युवकों को 30 हजार रुपए का लालच दिया जा रहा है।
दरअसल, पहाड़ी कोरवा युवकों को ड्राइविंग ट्रेनिंग के नाम पर लुंड्रा जनपद की ओर से 10 लाख का भुगतान एक समाजसेवी संस्था को किया गया था। संस्था ने ट्रेनिंग देने की जगह सिर्फ खानापूर्ति की और सर्टीफिकेट दे दिया। फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद सर्व विशेष पिछडी जनजाति के अध्यक्ष उदय पंडो कोरवा युवकों से मिलने और बातचीत करने के लिए गांव पहुंच गए। वहां उन्हें बताया गया कि मामले को दबाने के लिए 30 हजार रुपए लेने का दबाव उनके ऊपर बनाया जा रहा है।
पूर्व मंत्री गणेश राम भगत ने इस मामले में आदिवासी आयुक्त और जनपद सीईओ के अलावा केस दर्ज करने की मांग की है। इस संबंध में उन्होंने SP से भी बात की। साथ ही चेतावनी दी है कि 10 दिन में कार्रवाई नहीं हुई दोषियों पर तो वह धरना-प्रदर्शन करेंगे। विशेष पिछडी जनजाति के अध्यक्ष उदय पंडो ने कहा कि प्रशिक्षण के नाम पर आदिवासी पहाड़ी कोरवा को ठगा जा रहा है। यह पूरी फर्जीवाड़ा है। इस तरह से विशेष जनजाति के लोग आगे नहीं बढ़ेंगे। सरकार योजना बना रही है, यह लोग पैसा खा रहे हैं।
दूसरे हितग्राही युवक ने उदय पंडो व समाज के अन्य लोगों के सामने बताया कि जांच के नाम पर उनसे कागज में साइन कराया जा रहा है। इसमें क्या लिखा है, उन्हें नहीं पता है। साइन करने पर उन्हें पैसा मिलने का लालच दिया गया और सचिव ने साइन करा लिया। युवकों ने आरोप लगाया कि सचिव ने कागज पर साइन करने पर 10 हजार रुपए मिलने की बात कही है। इसके बाद सभी युवक पूर्व आदिवासी मंत्री गणेश राम भगत से मिलने पहुंचे।
पहाड़ी कोरवा युवकों की शिकायत पर पूर्व मंत्री गणेश राम भगत ने आदिवासी विभाग के आयुक्त जेआर नागवंशी को कॉल किया और ऊपर भड़क गए। कहा कि मैं आदिवासी, आप आदिवासी, विभाग आदिवासी का आदिवासी युवकों को ट्रेनिंग के नाम पर ही ठगा जा रहा है। फिर उनके लिए कौन करेगा। ग्रामीण साक्षरता सेवा संस्थान ने सर्टीफिकेट दिया है, पर गाड़ी चलानी ही नहीं आती। मैं आपको अपने लैटरहेड पर लिख कर दूं कि पायलट ट्रेनिंग ली है, तो क्या आप दिल्ली से लंदन हवाई जहाज उड़ाकर ले जा सकते हैं।
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