गरीबों की उज्ज्वला गैस योजना गरीबों से दूर होती जा रही, महंगी गैस रास नहीं आ रही, लकड़ी के चूल्हे की ओर लौट रहे ग्रामीण

गरीबों की उज्ज्वला गैस योजना गरीबों से दूर होती जा रही, महंगी गैस रास नहीं आ रही, लकड़ी के चूल्हे की ओर लौट रहे ग्रामीण
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PM नरेन्द्र मोदी ने 2016 में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की शुरूआत की। इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण परिवारों को धुंआ से मुक्ति दिलाना और प्रदुषण व जंगलों की कटाई को रोकना शामिल था, लेकिन लगातार बढ़ती रसोई गैस के कीमत के चलते गरीबों का गैस गरीबों से दुर होता जा रहा है। पढ़िए कवर स्टोरी।

मैनपुर: पर्यावरण प्रदुषण को रोकने व वनों की कटाई पर अंकुश लगाने केन्द्र सरकार ने उज्जवला योजना की शुरूआत तो कर दी और गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले क्षेत्र में हजारों परिवारों को 200 रुपये में रसोई गैस कनेक्शन भी प्रदान किया गया। शुरूआती कुछ दिनों तक ग्रामीण क्षेत्र के लोग रसोई गैस का उपयोग भी कर रहे थे लेकिन अब अधिकांश परिवार खासकर ग्रामीण क्षेत्र में रसोई गैस सिलेन्डर नहीं ले रहे है, ग्रामीण क्षेत्र में भोजन चुल्हे पर ही तैयार हो रहा है।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक बेहतर योजना की शुरूआत करते हुए 2016 में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की शुरूआत की। इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण परिवारों को धुंआ से मुक्ति दिलाना और पर्यावरण प्रदुषण व जंगलों की कटाई को रोकना सहित अन्य कई समस्याएं शामिल है। योजना के तहत मिलने वाले गैस सिलेन्डर का हितग्राही एक बार उपयोग तो कर रहे है, लेकिन कई परिवार दोबारा रिफलिंग नहीं कर पा रहे है इसके पीछे उनकी दिक्कते आर्थिक स्थिति को बताई जाती है। कई ग्रामीण परिवार के सदस्यों ने बताया कि गैस एजेंसी वाले घर तक रसोई गैस छोड़ने आते है लेकिन पैसा नहीं होने के कारण उन्हे खरीदने में परेशानी होती है।

जितना पैसा में रसोई गैस मिलता है उतने में स्वंय गांव के नजदीक जाकर लकड़ी एकत्र कर ले आते है। वहीं रसोई गैस से बने भोजन का स्वाद अलग होता है। कई ग्रामीणों को रसोई गैस का बना भोजन का स्वाद रास नहीं आ रहा है। यही वजह है कि आज भी ग्रामीण क्षेत्र के घरों से धुंआ उठता नजर आता है।

हजारों परिवार आज भी उज्ज्वला से वंचित

मैनपुर विकासखण्ड क्षेत्र के हजारों परिवारों को आज भी उज्जवल गैस कनेक्शन नहीं मिल पाया है। लगातार लोग उज्जवला गैस कनेक्शन के लिए चक्कर काट रहे है, लेकिन उन्हे इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। कई बार जनपद व पंचायतों में फार्म भरकर दे चुके है।

एक हजार 50 रुपये प्रति गैस सिलेंडर

लगातार बढ़ती रसोई गैस के कीमत के चलते गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले और मध्यमवर्गीय लोगों के पहुंच से अब गैस दुर होता जा रहा है। मैनपुर में उज्जवला योजना के तहत प्रति सिलेंडर 1050 रुपये के दर से मिल रही है। ग्रामीण ईलाको में गरीब तबके के लोगों को एक हजार 50 रुपया एकत्र करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है जिसके कारण कई गरीब परिवार चाहकर भी गैस सिलेंडर नहीं भरवा पा रहे है।

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