रंग लाया ग्रामीणों का नुस्खा : प्रसन्न हुए मेघ के देव इन्द्र : बारिश से किसानों के चेहरे खिले, मांदर की थाप पर महिलाओं ने गीत गाते हुए शुरू की धान की रोपाई

अनिल उपाध्याय-सीतापुर। रविवार की देर रात हुई झमाझम बारिश ने सूखे की मार झेल रहे किसानों के चेहरे पर एक बार फिर से मुस्कान फेर दी है। पूरी रात हुई बारिश से किसानों के खेतों में भरपूर मात्रा में पानी जमा हो गया है। इसके बाद किसान गाजे-बाजे और बड़ी धूमधाम के साथ अपने आराध्य देव को प्रसन्न करने हेतु पारंपरिक गीत-गाते हुए धान की रोपाई में जुट गए हैं। इस तरह रोपाई करते हुए किसानों का एक वीडियो भी सामने आया है।
गाजे-बाजे के साथ शुरू की धान की रोपाई
दरअसल, ऐसा ही एक दृश्य ग्राम पंचायत उलकिया में देखने को मिला। जहाँ देर रात हुई राहत की बारिश के बाद सूखे की मार झेल रहे किसानों के चेहरे पर मुस्कान फेर दी। बारिश के अभाव में सूखे की मार झेल रहे किसान खेती में पिछड़ने लगा था। पर देर रात हुई बारिश किसानों के लिए वरदान साबित हुआ। जिससे खुश किसान गाजे-बाजे के साथ धान रोपने अपने खेतों में पहुँचे। जहाँ उन्होंने बाजे गाजे के साथ अपने आराध्य देव को खुश करने पारंपरिक गीत गाकर धान की रोपाई की।
बारिश ने किसानों के चेहरे पर बिखेरी खुशियां
बारिश नहीं होने से किसान काफी दुःखी थे। किसानों को सूखे की मार सताने लगी थी। इसी बीच रात को जमकर हुई बारिश ने किसानों के चेहरे पर खुशियां बिखेर दी। जिसके बाद हम सभी किसान अपने खेतों की ओर चल पड़े। जहाँ हम अपने आराध्य देव को प्रसन्न करने के लिए बाजे-गाजे के साथ अपने भाषा मे गीत गाते है। ताकि वो खुश होकर हम सबका कल्याण करें और सभी संकटों को दूर करें। इस दौरान काफी संख्या में महिला-पुरुष किसान एक दूसरे के खेतों में धान रोपाई के दौरान अपना हाथ बटा रहे थे।
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