बाघ की दहाड़ से वनांचल में दहशत का माहौल, लापरवाही बरत रहा वन विभाग

राजनांदगांव: डोंगरगढ़ उप वन मंडल अंतर्गत आने वाले वनांचल में जंगली जानवरों को देखने से दहशत का माहौल बना हुआ है। करवारी पहाड़ी, चांदमारी पहाड़ी, ढारा बांध के आसपास जंगली जानवरो की आवाजाही बनी हुई है। कई स्थानों पर बाघ के पैरों के निशान देखने का दावा ग्रामीणों ने किया है।
वनांचल में बाघ की चहलकदमी के बाद भी वन अधिकारी हाथ पर हाथ रखकर बैठे है। हालाकि विभागीय स्तर पर बाघ की पुष्टि नहीं हुई है, किन्तु ढारा, शिवपुरी, तोतलभर्री, कन्हारगांव, देवकट्टा, कलकसा से लगे क्षेत्र में मुनादी कर लोगों को सावधानी बरतने की हिदायत दी गई है। माह भर पूर्व भी बरनारा नाले के पास बाघ देखे जाने के बाद दहशत का माहौल बना था। लोगों का कहना है कि उक्त बाघ महाराष्ट्र से भटकते हुए बोरतलाव के आसपास जंगलो से होते हुए डोंगरगढ़ वन मंडल की तरफ बढ़ रहा है। शहर से लगी चांदमारी पहाडी में भी बाघ देखने की चर्चा है। मछुआरों ने बाघ की दहाड़ सुनने का दावा किया है।
शिकारी हो गए सक्रिय
जानकारी के अनुसार क्षेत्र में शेर होने की खबर के बाद कुछ शिकारी आसपास के जंगलों में सक्रिय हो गए हैं। बताया जाता है कि शिकारी पूरी तैयारी के साथ जंगल में जाकर शेर की पतासाजी करने में लगे है। वन विभाग गंभीर नही होता है तो शेर का शिकार हो सकता है। बाघ की मौजूदगी की खबर लगातार सामने आने के बाद भी वन विभाग के अधिकारी खानापूर्ति करने में लगे है।
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