जून में खत्म होगी प्रदेश में दूसरी लहर, वैक्सीनेशन और एहतियात बरती तो तीसरी लहर होगी बेअसर

रायपुर. प्रदेश में दहशत और मातम का कारण बनने वाली कोरोना की दूसरी लहर से विदा होने लगेगी। जुलाई के अंत तक पूरा प्रदेश सामान्य हो जाएगा। ज्यादातर जिलों में 50 से नीचे संक्रमित मरीज मिलेंगे लेकिन यह तभी संभव होगा जब लोग एहतियात बरतेंगे और प्रोटोकाल का पालन करेंगे। अगर ऐसा होता है तो भविष्य में तीसरी लहर की आशंका खत्म हो सकती है।
हरिभूमि ने आईईटी कानपुर के प्रोफेसर मणिन्द्र अग्रवाल की टीम द्वारा किए गए अध्ययन के आधार पर समय-समय पर कोरोना की स्थिति से पाठकों को अवगत कराया था। हरिभूमि का आंकलन एकदम सटीक साबित हुआ। अप्रैल माह में कोरोना पीक गुजरने और मई के माह के अंत में कोरोना संक्रमितों की संख्या बेहद कम होने की जो संभावना जताई गई थी वो सटीक साबित हुई। वर्तमान में छत्तीसगढ़ में कोरोना के केस तीन हजार से नीचे जा चुके हैं और रायपुर में संक्रमण का ग्राफ भी सौ से डेढ़ सौ के बीच घूम रहा है। शनिवार को रायपुर में संक्रमितों का आंकड़ा केवल 61 तक ही सिमट गया।
तो तीसरी लहर कहर नहीं बरपाएगी
आईआईटी प्रोफेसर ने अनुमान लगाया है कि जून के दूसरे पखवाड़े तक प्रदेश में कोरोना काफी हद तक काबू में आ जाएगा मगर लोग जैसे अभी सावधानी बरत रहे हैं उन्हें भविष्य में भी सावधानी बरतने की जरुरत होगी। प्रोफेसर अग्रवाल का कहना है कि कोविड का वायरस अभी खत्म नहीं हुआ है अगर लापरवाही की गई और बिना सावधानी बरते लोगों ने आपस में मेलजोल बढ़ा लिया तो कोरोना के केस बढ़ जाएंगे। लोगों ने अपनी इम्युनिटी पर ध्यान दिया और बड़ी संख्या में लोगों का वैक्सीनेशन हो गया तो केस नहीं बढ़ेंगे और तीसरी लहर का पता नहीं चलेगा। संक्रमितों का आंकड़ा बेहद कम होगा और वह पूरे प्रदेश या देश को प्रभावित नहीं कर पाएगी।
बढ़ती जांच कम होते केस
प्रदेेश में लगातार जांच बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। वर्तमान में रविवार अवकाश को छोड़कर बाकी दिनों में 60 हजार से ज्यादा लोगों की जांच हो रही है और संक्रमण दर में रोज एक फीसदी की गिरावट आ रही है। वर्तमान में प्रदेश में कोरोना की दर पांच फीसदी से कम हो गया है जो सामान्य स्थिति का माना जा रहा है।
सावधानी से बदला वक्त
कोरोना की दूसरी लहर की शुरुआत यानी मार्च माह में लोगों ने समझा था कि कोरोना समाप्त हो गया। लोगों ने एक तरह से सोशल डिस्टेंस का पालन छोड़ दिया और बड़े आयोजन होने लगे इसके साथ मास्क पहनने की आदत छोड़ दी थी। गलती का अहसास होने परस पुन: संयम बरतते हुए लोगों ने नियम का पालन शुरु किया और दूसरी लहर दो माह में कमजोर हो गई।
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