छत्तीसगढ़ की श्रम-शक्ति अब ऑनलाइन, कश्मीर रहे या कन्याकुमारी, पोर्टल पर पूरा हिसाब-किताब

छत्तीसगढ़ की श्रम-शक्ति अब ऑनलाइन, कश्मीर रहे या कन्याकुमारी, पोर्टल पर पूरा हिसाब-किताब
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छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश से बाहर जाने और दूसरे राज्यों से यहां आने वाले श्रमिकों के कामकाज से सबंधित सारी व्यवस्था को पहली बार ऑनलाइन करने की शुरुआत की है। सरकार के इस कदम से मजदूरों को उनकी मेहनत की पूरी राशि ठेकेदार द्वारा ऑनलाइन सिस्टम से देनी होगी। यही नहीं, श्रम कानून के अनुसार निर्धारित राशि का पूरा भुगतान भी समय पर करना होगा। साथ ही मजदूरों को बाहर से लाने-ले जाने वाले ठेकेदारों का भी हिसाब-किताब ऑनलाइन पोर्टल पर रखा जाएगा।

रायपुर. छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश से बाहर जाने और दूसरे राज्यों से यहां आने वाले श्रमिकों के कामकाज से सबंधित सारी व्यवस्था को पहली बार ऑनलाइन करने की शुरुआत की है। सरकार के इस कदम से मजदूरों को उनकी मेहनत की पूरी राशि ठेकेदार द्वारा ऑनलाइन सिस्टम से देनी होगी। यही नहीं, श्रम कानून के अनुसार निर्धारित राशि का पूरा भुगतान भी समय पर करना होगा। साथ ही मजदूरों को बाहर से लाने-ले जाने वाले ठेकेदारों का भी हिसाब-किताब ऑनलाइन पोर्टल पर रखा जाएगा।

सरकार ने किया ये बदलाव

राज्य सरकार ने श्रमिकों के कामकाज की प्रचलित व्यवस्था में बदलाव करने के लिए अंतरराज्यिक प्रवासी कर्मकार (नियोजन का विनियमन और सेवा शर्त) 1979 अधिनियम के तहत यह बदलाव किया है। सरकार ने पूर्व में प्रचलित कई नियमों में बदलाव किया है। खास बात ये है कि यह बदलाव मजदूरों को काम पर राज्य से बाहर ले जाने तथा बाहर से यहां लाने वाले श्रमिक ठेकेदारों पर भी नियमानुसार लागू होगा। इस संबंध में राजपत्र में अधिसूचना का प्रकाशन किया गया है।

बैंक खाते में भुगतान

अंतरराज्यिक प्रवासी कर्मकार नियम में बदलाव के बाद श्रमिकों को उनके बैंक खातों में मजदूरी का भुगतान किया जाएगा। हर मजदूर का बैंक में खाता खोला जाएगा। उनका पंजीयन पोर्टल पर होगा। यही नहीं, अब कोई ठेकेदार किसी भी कुशल, अर्धकुशल या अकुशल मजदूर को अपने हिसाब से वेतन देने की जगह न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 के अधीन तय दरों पर ही भुगतान करेगा। हर श्रमिक को मिलने वाले काम और उसके एवज की राशि का हिसाब-किताब भी ऑनलाइन रखा जाएगा।

ठेकेदार का भी ऑनलाइन पंजीयन

प्रदेश से मजदूरों काे ले जाने व बाहर से यहां श्रमिक लाने वाले ठेकेदारों का पंजीयन भी ऑनलाइन माध्यम से किया जाएगा। पंजीयन के लिए पहले फार्म भरवाए जाते थे, शुल्क की राशि ली जाती थी, लेकिन अब उन्हें भी यह सारी सुविधा ऑनलाइन घर बैठे मिल जाएगी। ठेकेदार अब श्रमिकों के वेतन में अनावश्यक कटौती भी नहीं कर पाएंगे। मजदूरी भुगतान वेब पोर्टल पर प्रदर्शित किया जाना अनिवार्य होगा। काम शुरू करने के पहले पंजीयन के लिए ठेकेदार द्वारा जो राशि जमा कराई जाती थी, वह काम पूरा होने के बाद लौटाई जाती थी, लेकिन अब उसी जमा राशि के आधार पर ठेकेदार को नए कार्य के लिए पंजीकृत किया जा सकेगा।

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