दुर्दांत नक्सली सोम जी है इस गांव का आदर्श : आलदंड गांव में चौराहे पर शान से खड़ी है नक्सल लीडर की प्रतिमा, ग्रामीण उसे पूजते भी हैं...

दुर्दांत नक्सली सोम जी है इस गांव का आदर्श : आलदंड गांव में चौराहे पर शान से खड़ी है नक्सल लीडर की प्रतिमा, ग्रामीण उसे पूजते भी हैं...
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इस गांव में एक मूर्ति ग्रामीणों ने स्थापित की है, ठीक गांव के बीचो बीच। यह मूर्ति किसी साधारण व्यक्ति की नहीं है बल्कि उस हार्डकोर नक्सली कमांडर सोम जी उर्फ सहदेव की है, जो कांकेर के आमाबेड़ा जोन में आज से महज एक साल पहले खूनी खेल खेला करता था। आखिर ग्रामीणों के लिए यह नक्सली लीडर क्यों है आदर्श... पढ़िए...

गौरव श्रीवास्तव- कांकेर। छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में नक्सलवाद को पनपे लगभग चार दशक होने जा रहा है। इन चार दशकों में समूचे बस्तर ने नक्सलवाद का दंश किस बुरी तरह से झेला है, यह किसी से छुपा नहीं है। नक्सलवाद के कारण निरीह ग्रामीणों, जवानों के खून से सनी हुई है बस्तर की धरती। नक्सलवाद के कारण बस्तर की पहाड़ियों की शांति खूनी चीख में सैकडों मर्तबा तब्दील हुई है। ऐसे में क्या नक्सलवाद को आदर्श माना जा सकता है? सभी का जवाब नहीं में ही होना चाहिए। लेकिन कांकेर जिले के धुर नक्सली गांव आलदंड वासियों के लिए ऐसा नहीं है। आलदंड गांव नारायणपुर और कांकेर जिले की सरहद पर बसा हुआ है। या यूं कहें कि अबूझमाड़ से लगा हुआ गांव है। इस गांव में एक मूर्ति ग्रामीणों ने स्थापित की है, ठीक गांव के बीचो बीच। यह मूर्ति किसी साधारण व्यक्ति की नहीं है बल्कि उस हार्डकोर नक्सली कमांडर सोम जी उर्फ सहदेव की है, जो कांकेर के आमाबेड़ा जोन में आज से महज एक साल पहले खूनी खेल खेला करता था। सोम जी नक्सली कमांडर ने कई बड़ी वारदातों को अंजाम दिया है। 18 फरवरी 2021 के दिन फोर्स को उड़ाने की नीयत से वह विस्फोटक प्लांट कर रहा था और दूसरे के लिए खोदे जा रहे गड्ढे में खुद गिर गया। यानी बम लगाते समय फट गया और उसमें सोम जी के चीथड़े उड़ गए। लेकिन दुर्भाग्य से उसी सोम जी की प्रतिमा आदर्श बनकर सीना ताने आलदंड गांव में खड़ी है। सवाल यह उठता है कि क्या आदर्श के रूप में इस प्रतिमा को वहां होना चाहिए? वैसे ग्रामीणों का कहना है कि सोमजी इसी गांव का था, यहां उसका परिवार रहता है। ऐसे में उसको याद करते हुए उसकी मूर्ति बनाना अनिवार्य था। गांव वाले समय-समय पर उसकी पूजा भी करते हैं।

जल्द बदलेगा ग्रामीणों का आदर्श : एसपी

इस मामले में कांकेर के एसपी शलभ सिन्हा ने कहा कि जिले के कई हिस्से ऐसे हैं जहां सुरक्षा बल अभी तक नहीं पहुंच पाया है। इस गांव में सुरक्षा बल कम ही जाते हैं। आलदंड में विकास की कमी है इसके कारण गांव वाले अभी समझ नहीं पा रहे हैं। आज ग्रामीण नक्सलियों को आदर्श मान रहें हैं एक दिन ऐसा आएगा जब नक्सलियों की करतूत को ग्रामीण अच्छे से समझ जायेंगे और नक्सलियों को अपना आदर्श मानना छोड़ देंगे।


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