पियक्कड़ों की मुराद पूरी, खुल गए देसी के काउंटर, अंग्रेजी अब भी ऑनलाइन

रायपुर. लंबे समय से बंद देसी दुकानों के लिए आबकारी विभाग ने अनलॉक का पहला तड़का लगाते हुए इसे खोलने आदेश जारी कर दिया है। 26 तारीख से प्रदेश की सभी देसी मदिरा दुकानें खुल जाएंगी। भीड़ न बढ़ाने की शर्त पर शौकीनों को शराब बेची जाएगी। लॉकडाउन की मियाद पूरी होने तक फिलहाल अंग्रेजी वाइन शॉप पिकअप की व्यवस्था में खोली जाएंगी। इसके लिए सीधे काउंटर नहीं, बल्कि ऑनलाइन आर्डर पर ही बोतल मिल सकेगी। नई व्यवस्था लागू होने के पहले बैरिकेड्स लगाए गए हैं।
आबकारी कमिश्नर निरंजन दास ने मंगलवार को आर्डर जारी किया है। देसी मदिरा दुकानें संचालित करने व्यवस्था लागू की है। इस तरह से सभी देसी मदिरा दुकानों को सुबह 9 बजे खोला जाएगा। रात्रि आठ बजे तक देसी शराब की बिक्री होगी। जिन जिलों में कंटेनमेंट जोन लागू है और कलेक्टर ने जो समय तय किए हैं, दुकानें उसी के अनुसार संचालित होंगी। रायपुर में शाम 6 बजे तक दुकानें खुलेंगी। जारी आदेश में कहा गया है, अभी अंग्रेजी वाइन शॉप को पिकअप की व्यवस्था के तहत ही काउंटर खोला जाएगा। यहां अंग्रेजी शराब सीधे बिक्री नहीं होगी, बल्कि ऑनलाइन आर्डर बुक कराने वालों को ओटीपी जनरेट होने के बाद उन्हें बोतल डिस्पैच किया जाएगा। लगभग दो महीने बाद देसी शराब दुकान सामान्य दिनों की तरह खुलेंगी।
अंग्रेजी से ज्यादा देसी के दीवाने
रायपुर में आबकारी की जो बिक्री रिपोर्ट है, उस हिसाब से इस जिले में अंग्रेजी से कहीं ज्यादा देसी के दीवाने हैं। शौकीनों ने इस साल लॉकडाउन लगने के पहले कुछ ऐसा ही किया है। बता दें फरवरी 2021 में शौकीन 64,94,475 प्रूफ लीटर देसी शराब गटके हैं, जबकि इसी अविध में अंग्रेजी शराब की बिक्री 54, 81, 591 प्रूफ लीटर तक हुई है। इन आकड़ों में देसी का पलड़ा भारी है। आबकारी को सबसे ज्यादा राजस्व की प्राप्ति देसी शराब से ही होती है।
1 करोड़ प्रूफ लीटर की ज्यादा खपत
सभी जिलों में देसी शराब की खपत का कोटा अंग्रेजी से एक करोड़ लीटर तक ज्यादा है। आबकारी के पास दर्ज रिकार्ड में अप्रैल से फरवरी के बीच देसी शराब 3 करोड़ 29 लाख 31 हजार 553 प्रूफ लीटर है। अंग्रेजी के मामले में 2 करोड़ 1 लाख 2 हजार 252 प्रूफ लीटर शराब बिक्री का आंकड़ा है।
शौकीनों की तलब से थर्रा गया सिस्टम
आबकारी विभाग ने हाल में लॉकडाउन खुलने के बाद ऑनलाइन डिलीवरी शुरू की थी, लेकिन शौकीनों की तलब के आगे यह सिस्टम भी थर्रा गया। दरअसल जैसे ही पोर्टल शुरू हुआ, लाखों लोग एक साथ शराब के लिए लिंक पर टूट पड़े। सर्वर में एक साथ मोबाइल ट्रैफिक के रश की वजह से पोर्टल को कुछ-कुछ देर के लिए बंद भी करना पड़ा। आर्डर और डिलीवरी के लिए आबकारी ने किसी तरह सीमित साधनों से सिस्टम को संभाला। ऑनलाइन ओटीपी से देसी के मुकाबले अंग्रेजी वाइन शॉप में भीड़ कम रखने के इंतजाम हैं।
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