कुंदीकला में फड़फड़ा रहा फसाद : आदिवासियों ने किया एक वर्ग विशेष के बहिष्कार का ऐलान, पुलिस के रवैये से उपजा आक्रोश

अम्बिकापुर। सोशल मीडिया में इन दिनों एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है... और यह वीडियो सरगुजा जिले के लुंड्रा ब्लॉक में कुंदीकला का बताया जा रहा है। यहां पर ग्रामीण एक समुदाय विशेष के पूर्ण सामाजिक और आर्थिक बहिष्कार का संकल्प लेते हुए दिखाई दे रहे हैं,, और किसी भी तरह से उनके साथ शामिल नहीं होने का संकल्प लेते दिख रहे हैं। ग्रामीणों को बाकायदा लाउडस्पीकर के माध्यम से एक प्रतिज्ञा लेते हुए दिखाया गया है कि वे उस समुदाय का बहिष्कार करते हैं। सभी वाणिज्य लेनदेन को समाप्त कर देंगे जिसमें उनकी जमीन को पट्टे पर देना, लीज पर देना भी शामिल है। साथ ही यह भी कहा गया कि कोई भी हिंदू, उस समुदाय के लोगों के घर में काम नहीं करेगा,, और अपनी जमीन उन्हें खेती-बाड़ी के लिए भी नहीं देगा।
पुलिस ने जारी किया बयान
हालांकि वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने भी बयान जारी किया है। पुलिस ने कहा है कि चूंकि उपरोक्त घटना के बाद एक विडियो वायरल हो रहा था, जो समाजिक सद्भाव सौहार्द बनाए रखने के लिए उचित नहीं है। इसलिए मामले की गंभीरता को देखते पुलिस अधीक्षक ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विवेक शुक्ला, एसडीएम प्रदीप साहू अनुविभागीय अधिकारी अखिलेश कौशिक के साथ 6 जनवरी को ग्राम कुन्दीकला जाकर सभी ग्रामीणों को शांति व्यवस्था बनाने एवं असमाजिक तत्वों के बहकावे में ना आने की अपील की है। मामले में विवेचना जारी है और वरिष्ठ अधिकारी प्रकरण में सतत् निगरानी रख रहे हैं।
नए साल पर पड़ोसी गांव के लोगों ने आदिवासी के घर में घुसकर की थी मारपीट
दरअसल मामला यह था कि... सरगुजा जिले के लुंड्रा थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक घटना सामने आई थी.. जहां दूसरे गांव से पिकनिक मनाने के लिए आए लोगों ने गांव के एक घर में घुसकर मारपीट करने कर दी। इस मामले में आरोपियों पर संगीन धाराएं नहीं लगाने और आरोपियों को बचाने का आरोप लगाते हुए दो सौ के करीब ग्रामीणों ने लुण्ड्रा थाने का घेराव कर जमकर नारेबाजी की थी। ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार लुण्ड्रा थाना अंतर्गत ग्राम कुंदीकला में पड़ोसी ग्राम आरा से कुछ लोग नये वर्ष के दिन 1 जनवरी को पिकनिक मनाने के लिए आए थे। इस दौरान वहां के एक स्थानीय व्यक्ति से विवाद के बाद दूसरे गांव के लोगों ने ग्रामीण के घर में घुसकर मारपीट कर दी थी। इस दौरान घर में रहने वाली युवती से भी मारपीट की गई।
पुलिस ने लगाईं मामूली धाराएं, आरोपियों को तुरंत मिली जमानत
आरोप है कि इस मामले में पुलिस ने साधारण धाराओं मे अपराध दर्ज किया था। जिसके बाद आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद उन्हें न्यायालय में पेश किया गया। जहां से आरोपियों को जमानत मिल गई। इसके बाद घर पहुंचे आरोपियों ने पटाखे फोड़कर खुशियां मनाईं। इस बात की जानकारी मिलने पर कुंदीकला के ग्रामीण नाराज हो गए और पुलिस पर मामले में आरोपियों को बचाने का आरोप लगाते हुए थाने का घेराव कर दिया था।
नहीं लगाया एससी-एसटी एक्ट, आरोपियों ने पटाखे फोड़कर मनाईं खुशियां
घेराव करने आए ग्रामीणों का कहना है कि पीड़ित पक्ष आदिवासी समुदाय से है, ऐसे में पुलिस को इस मामले में एसटी/एससी एक्ट के तहत भी धाराएं लगानी थीं। परन्तु पुलिस की ओर से मामले को जानबूझकर हल्का बनाए जाने के कारण आरोपियों को तत्काल जमानत मिल गई और वे खुशियां मनाने लगे। वहीं पुलिस की समझाइश के बाद आंदोलनकारियों ने विरोध प्रदर्शन समाप्त कर दिया था। जबकि 10 दिनों के भीतर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं होने पर ग्रामीणों ने उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी थी। इस मामले में सरगुजा एएसपी विवेक शुक्ला का कहना था कि मामले में विधि सम्मत कार्रवाई हुई है और न्यायालय से जमानत देना या ना देना पुलिस के अधिकार क्षेत्र से बाहर का मामला है। वहीं प्रार्थी पक्ष ने जो रिपोर्ट दर्ज कराई थी उसके अनुसार ही धाराएं लगाई गई हैं। हालांकि मामले को तूल पकड़ता देख लुंड्रा पुलिस ने कुछ और आरोपियों की गिरफ्तारी की है और न्यायालय रिमांड पर भेज दिया है। बरहाल एक तरफ सामाजिक बहिष्कार का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है और यह वीडियो यदि सही है तो आखिर इसका जिम्मेदार कौन है। देखिये वीडियो-
सुनिए इस मामले में एसपी सरगुजा अमित तुकाराम काम्बले क्या कह रहे हैं...
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