CG पुलिस में होगा बड़ा फेरबदल : कुछ सीनियर IPS हो सकते हैं PHQ से विदा, कुछ की होगी वापसी

CG पुलिस में होगा बड़ा फेरबदल : कुछ सीनियर IPS हो सकते हैं PHQ से विदा, कुछ की होगी वापसी
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राज्य में कई आईपीएस अफसर नए डीजीपी जुनेजा से सीनियर हैं। एंसे में जूनियर के नीचे सीनियर के काम ना करने की परिपाटी के मद्देनजर सीनियर अफसरों को पीएचक्यू से बाहर जाना होगा। और क्या हो सकते हैं फेरबदल, पढ़िए...

रायपुर। छत्तीसगढ़ के नवनियुक्त DGP अशोक जुनेजा ने शुक्रवार की सुबह पुलिस महानिदेशक का पदभार संभाल लिया। अब राज्य पुलिस महकमे में बड़े पदों पर बैठे अफसरों के पदभार में बड़ा फेरबदल होने की संभावना है। लंबे समय से पुलिस मुख्यालय में जमे कुछ अफसर मैदानी अमले में भेजे जाएंगे, वहीं कुछ को फील्ड से पीएचक्यू में बुलाने की तैयारी शुरू हो गई है।

राज्य में कई आईपीएस अफसर नए डीजीपी जुनेजा से सीनियर हैं। एंसे में जूनियर के नीचे सीनियर के काम ना करने की परिपाटी के मद्देनजर सीनियर अफसरों को पीएचक्यू से बाहर जाना होगा। आरके विज, संजय पिल्ले और मुकेश गुप्ता भी जुनेजा से सीनियर हैं। लेकिन, संजय पिल्ले पहले से पीएचक्यू से बाहर जेल का स्वतंत्र प्रभार संभाल रहे हैं। मुकेश गुप्ता फिलहाल सस्पेंड हैं। आरके विज इन दिनों देश से बाहर चल रहे हैं। और उनका अगले महीने 31 दिसंबर को रिटायरमेंट है। सरकार विज को सम्मानजनक विदाई के लिए एक महीने के लिए कोई चार्ज दे सकती है। लेकिन अब सबसे बउ़ा सवाल ये उठता है कि जुनेजा के डीजीपी बनने के बाद पीएचक्यू में योजना और प्रबंध किसे दिया जाएगा? पुलिस सूत्रों के मुताबिक डीजीपी और खुफिया चीफ के बाद योजना और प्रबंध सबसे अहम विभाग माना जाता है। फिलहाल स्पेशल डीजी आरके विज के पास ये विभाग है। अब उनके जूनियर जुनेजा डीजीपी बन गए हैंख् लिहाजा विज को पुलिस मुख्यालय से बिदा लेना होगा। क्योंकि, जूनियर के नीचे सीनियर काम नहीं करता, ये परिपाटी बनी हुई है। जुनेजा के सामने दिक्कत यह आएगी कि पुलिस मुख्यालय में अफसर ही नहीं है। आईजी और एडीजी पुलिस मुख्यालय के बैक बोन होते हैं। और इस लेबल पर भारी कमी है। आईजी के नाम पर टीआर पैकरा हैं। एडीजी में हिमांशु गुप्ता, एसआरपी कल्लूरी और विवेकानंद हैं। उसमें भी कल्लूरी हासिए पर रहते हैं। उनके पास सिर्फ ट्रेनिंग का प्रभार है।

एडीजी में पवनदेव हाउसिंग कारपोरेशन में हैं। ऐसे में बताया जा रहा है कि पवनदेव पीएचक्यू लौट सकते हैं। एडीजी प्रदीप गुप्ता लोक अभियोजन में हैं। प्रदीप गुप्ता को भी पीएचक्यू बुलाया जा सकता है। लोक अभियोजन वैसे भी कोई खास काम वाला विभाग नहीं माना जाता। अगले महीने तक जुनेजा से जस्ट नीचे 90 बैच के राजेश मिश्रा भी डेपुटेशन से वापस लौटने वाले हैं। राजेश मिश्रा, पवन देव और प्रदीप गुप्ता के आने के पर नए डीजीपी की टीम को मजबूती मिल सकती है।

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