इंजीनियरिंग महाविद्यालयों में नहीं होगी प्रवेश के लिए काउंसिलिंग, 7000 सीटें लैप्स

रायपुर। प्रदेश के इंजीनियरिंग महाविद्यालयों में प्रवेश के लिए काउंसिलिंग अब नहीं होगी। ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल एजुकेशन द्वारा प्रवेश के लिए जो अंतिम तिथि निर्धारित की गई थी, वो अब गुजर चुकी है। कोर्ट के आदेश के बाद अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश तो प्रारंभ कर दिया गया है, लेकिन इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम में दाखिला एआईसीटीई के नियमाें के कारण रोक दिया गया है। प्रदेश में इंजीनियरिंग की 11 हजार 514 सीटों में से सिर्फ 4 हजार पर ही प्रवेश हो सके हैं।
शेष सीटें लैप्स हो चुकी हैं।
गौरतलब है कि देशभर के इंजीनियरिंग महाविद्यालयों में प्रवेश संबंधित तिथियां ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल एजूकेशन द्वारा ही तय की जाती है। तय तिथि के बाद प्रवेश देने पर छात्रों के दाखिले अमान्य कर दिए जाते हैं। मौजूदा सत्र में एआईसीटीई ने प्रवेश के लिए आखिरी तिथि 25 अक्टूबर निर्धारित की थी। इसके पहले ही तकनीकी शिक्षा संचालनालय द्वारा प्रवेश प्रारंभ कर दिए गए थे। दो चरणों की काउंसिलिंग के बाद प्रवेश रोके गए थे। शासकीय महाविद्यालयों की सीट पैक्ड प्रदेश में 34 इंजीनीयरिंग महाविद्यालय हैं।
इनमें से 28 निजी हैं, जबकि तीन शासकीय महाविद्यालय हैं। वहीं शेष तीन संस्थानों में से दो विश्वविद्यालय अध्ययनशाला हैं, जबकि एक केंद्र शासन के अधीन संचालित प्लास्टिक इंजीनियरिंग संस्थान हैं। तीन शासकीय महाविद्यालय रायपुर, बिलासपुर और जगदलपुर में हैं। प्रथम चरण की काउंसिलिंग में ही शासकीय महाविद्यालयों की सीटें भर गई थीं। खाली रह गईं 7 हजार 500 सीटें निजी महाविद्यालयों की हैं। इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम में पिछले कुछ वर्षों में छात्रों की दिलचस्पी घटी है। प्रवेश के इच्छुक छात्रों ने शुरुआती चरणों में ही दाखिले ले लिए थे, इसलिए भी तारीख बढ़ाने या कोई अन्य मांग एआईसीटीई से नहीं की गई। स्वामी विवेकानंद तकनीकी विवि अब सेमेस्टर परीक्षाओं की तैयारियां कर रहा है।
कोई निर्देश नहीं
बाकी पाठ्यक्रमों में प्रवेश उच्च न्यायालय के निर्देश पर प्रारंभ हुआ है। इंजीनियरिंग के लिए इस तरह का कोई निर्देश नहीं मिला है।
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