ये हैं असली पंच-परमेश्वर : पंचायत प्रतिनिधि नहीं लेते मानदेय, जरूरतमंदों को फ्री में देते हैं चावल, टॉपर्स को ईनाम और लड़कियों की शादी में सहयोग राशि

नौशाद अहमद/सूरजपुर। अभी तक आपने यह सुना या देखा होगा कि ग्राम पंचायत की ओर से लोगों के हिस्से के राशन पर डाका डाला जाता है। या सोसाइटी में बड़ी हेरा-फेरी कर दी जाती है। पर आज हम आपको एक अनोखे ग्राम पंचायत के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां 2009 से ही पंचायत की ओर से जरूरतमंदों को मुफ्त में चावल दिया जाता है। इसका पूरा खर्च सरपंच और पंचगण अपने मानदेय और पीडीएस के कमीशन से वहन करते हैं।
आपसी सामंजस्य का अनोखा उदाहरण
राज्य से लेकर केंद्र सरकार की ओर से ग्राम पंचायत को आदर्श ग्राम बनाने के लिए कई तरह की पहल किए जाते हैं। वहीं छत्तीसगढ़ के सूरजपुर का एक गांव झूमर पारा बिना किसी सरकारी लाभ के आपसी सामंजस्य से एक आदर्श गांव बन गया है। सूरजपुर जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाला झूमर पारा ऐसा पंचायत है, जहां 2009 से मुफ्त में चावल दिया जाता है। साथ ही लड़कियों की शादी होने पर पंचायत की ओर से उनको सहायता के रूप में 1051 रुपए दिया जाता है। पंचायत ने अभी तक 100 से ज्यादा लड़कियों की शादी में उपहार के रूप में यह सहायता दी है। वहीं यह पंचायत 10वीं और 12वीं में टॉप करने वाले बच्चों को भी 15 सौ रुपए का इनाम भी देता है। पंचायत प्रतिनिधियों का मानना है कि इससे बच्चों में काम्पीटीशन की भावना जागती है और नतीजे अच्छे आते हैं।
जरूरतमंद परिवारों को मुफ्त चावल, नहीं लेते मानदेय
उपसरपंच रामानंद जसवाल बताते हैं कि हमारे पंचायत की ओर से 2009 से ही गरीब परिवार को फ्री में चावल दिया जाता है। पंचायत के जनप्रतिनिधि मानदेय भी नहीं लेते और राशन से मिलने वाले कमीशन का भी पैसा हम नहीं लेते हैं। इससे हमें बहुत खुशी मिलती है। हमारे पंचायत की ओर से ही बच्चियों के शादी में उपहार स्वरूप में पैसा दिया जाता है और अच्छे नंबर लाने वाले बच्चों को पंचायत की ओर से इनाम भी दिया जाता है। इससे और भी बच्चों का मनोबल बढ़ता है और पढ़ाई की तरफ रुझान बढ़ता है। झूमर पारा पंचायत प्रदेश में शायद पहला पंचायत है, जो निजी पैसों से ग्रामीण को सीधा फायदा पंहुचा रहा है।
और भी गांवों में ऐसी पहल की कोशिश होगी
वहीं जनपद पंचायत अध्यक्ष जगलाल देहाती ने कहा कि निश्चित ही झूमर पारा पंचायत की ओर से बहुत अच्छा काम किया जा रहा है। हम सब मिलकर आगे और भी पंचायतों में इसे शुरू कराने की पहल करेंगे। ऐसा नेक काम करने से लोगों को राहत मिलता है। साथ ही दिल को भी सुकून मिलता है। देखिए वीडियो-
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