यह लूट नहीं डकैती है, 266.50 रुपए वाला यूरिया 600 में, ऐसे हालात छत्तीसगढ़ के ज्यादातर जिलों में

यह लूट नहीं डकैती है, 266.50 रुपए वाला यूरिया 600 में, ऐसे हालात छत्तीसगढ़ के ज्यादातर जिलों में
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किसान को चौतरफा मार पड़ रही है। बारिश की दगाबाजी से फसल खराब होने का खतरा है। डीजल के रेट बढ़ गए। महंगाई अलग मार रही है। रही सही कसर फसल को बचाने के लिए यूरिया न मिलने से पूरी हो गई है। बाजार में किसानों से तीन गुना दाम वसूल किया जा रहा है। सोसायटियों के बाहर ही निजी सेंटरों में धड़ल्ले से लूट मची है।

मनीष बाघ और ललित राठोड़- रायपुर, दिलीप देवांगन-धमतरी, राहुल शर्मा-दुर्ग, मनोज साहू-भिलाई, सचिन अग्रहरि- राजनांदगांव, अजय नारायण पांडे अंबिकापुर, अभिषेक शुक्ला जांजगीर, पंकज तिवारी रायगढ़, प्रविंद्र सिंह बैकुंठपुर की विशेष रिपोर्ट...

किसान को चौतरफा मार पड़ रही है। बारिश की दगाबाजी से फसल खराब होने का खतरा है। डीजल के रेट बढ़ गए। महंगाई अलग मार रही है। रही सही कसर फसल को बचाने के लिए यूरिया न मिलने से पूरी हो गई है। बाजार में किसानों से तीन गुना दाम वसूल किया जा रहा है। सोसायटियों के बाहर ही निजी सेंटरों में धड़ल्ले से लूट मची है। जहां सोसायटियों में खाद है वहां मामूली राहत है। जहां किल्लत है वहां ढाई से तीन गुना कीमतें बढ़ाकर किसानों को खाद बेच रहे हैं। 266.50 रुपये बोरी बिकने वाली यूरिया के लिए 600 रुपए तक वसूल किए जा रहे हैं। भर्राशाही का ऐसा हाल है कि कहीं कहीं यह 700 रुपए तक बताए जा रहे हैं।

हरिभूमि ने राजधानी समेत दूसरे जिलों और तहसीलों में मौजूदा सोसायटियों और फिर उन गांवों के बीच जाकर पड़ताल की है। एक तरफ किसान खाद की तंगी वाले सोसायटियों से परेशान मिले हैं तो दूसरी तरफ बाहर महंगी कीमतों किसानों को बेचैन कर दिया है। बता दें, सोसायटी में मिलने वाले डीएपी और फिर पोटाश की भी कीमतों को बढ़ा दी गई है। कारोबारियों का साफ कहना है उन्हें जिन कीमतों से फायदा है उतने में ही खाद बेचेंगे। उन्हें सोसायटियों से कोई मतलब नहीं है। ऐसे किसान जिनका रकबा खाता सोसायटी में नहीं है या फिर सोसायटी में खाद का स्लाट खत्म हो गया है, इन कड़ियों का फायदा उठाकर तगड़ा कारोबार चल रहा है।

285 का यूरिया 500 रुपए में बिक रहा

भिलाई। किसानों को सोसायटी से यूरिया नहीं मिल रहा है। इसलिए मजबूरी में किसान प्राइवेट दुकानों से महंगे दाम में यूरिया खरीद रहे हैं। किसानों ने यह भी कहा, सोयाटियों में 285 रुपए में यूरिया खाद दे रहे। लेकिन अब स्टॉक की तंगी है। प्राइवेट दुकान से 500 रुपए में यूरिया खरीदना पड़ रहा है। ग्राम लिटिया, हिर्री, टैमरी, बिरेझर, बोथा, भाठाकोकड़ी, रौदा, राजपुर, पेंड्रावन आदि सोसायटी क्षेत्र पहुंची हरिभूमि की टीम।

सीएम और कृषि मंत्री के जिले के किसान गंभीर संकट में है। सोसयटियों में यूरिया खाद नहीं मिल रहा है। किसान 500 रुपए में यूरिया खाद खरीदने मजबूर है।

- जितेंद्र साहू, जिला पंचायत सदस्य धमधा

जांजगीर-चांपा : ऐसी किल्लत 266 की बोरी बिक रहा 700 में

जांजगीर चांपा में 3500 मीट्रिक टन की आवश्यकता, मिला 200 मीट्रिक टन। सोसाइटियों में खाद की तंगी के चलते गंभीर हालात बन रहे। किसानों की मजबूरी खाद कारोबारियों के पास जाने की। यहां 6 से 7 सौ रुपए बोरी में यूरिया बेचा जा रहा है। ग्राम खोखरा में मेंहदा, धाराशिव, कुटरा, भडेसर,नवागढ़ ब्लाक के तुलसी मिसदा,केरा सहित जिले के पामगढ़, बलौदा, अकलतरा, बम्हनीडीह,सक्ती मालखरौदा, जैजैपुर, डभरा सभी क्षेत्रों में खाद की किल्लत।

बैकुंठपुर

कोरिया जिले में शुरूआत से ही खाद की किल्लत है। जिले के 33 सहकारी समितियों में अधिकांश जगहों पर यूरिया खाद नहीं है। मांग के अनुरूप खाद की आपूर्ति नहीं हो पाई। शनिवार को ही पटना सहकारी समिति में तीन समितियों के लिए 600 बोरी यूरिया खाद पहुंचा, इसे लेने एक समिति में 600 से ज्यादा किसान पहुंच गए, जिसकी वजह से प्रबंधक ने वाद-विवाद से बचने वितरण नहीं किया। बाहर में खाद व्यवसाइयों ने बोरियों में 550 रुपये तक की कीमतें वसूलकर जेबें भरी।

सारंगढ मे बिक्री केंद्र सील

रायगढ़ कलेक्टर के निर्देश पर खाद की कालाबाज़ारी रोकने व निगरानी करने 25 अधिकारियों को सभी 9 ब्लाकों मे जिम्मेदारी सौंपी गई है। जांच कार्रवाई के दौरान सारंगढ के सालर मे दोगुने से अधिक रेट पर खाद बेंचनें की सूचना पर भाजपा के पूर्व जिपं अध्यक्ष के भाई के प्रतिष्ठान भवानी ट्रेडर्स को 21 दिनों के लिए बिक्री प्रतिबंधित किया।

धरमजयगढ़-खरसिया

धरमजयगढ़ में 590 मेट्रिक टन यूरिया जबकि 494 मीट्रिक टन डीएपी की खेप आ चुकी है किंतु यह खेप वर्तमान स्थिति में निल है। इसी तरह सारंगढ में यूरिया 573 व डीएपी 973 मीट्रिक टन आ चुका है। यह भी उठाव हो गया है इसी तरह खरसिया में 1034 मीट्रिक टन डीएपी आया था जिसका पूरा उठाव हो गया है। ऐसे में अब यहां के किसान दुकान से महंगे दाम में खाद खरीद रहे है।

आरंग-मोखला में वेटिंग लिस्ट

आरंग के मोखला गांव में मालूम हुआ, यहां पर डीएपी खत्म। एक किसान ने बताया, 50 किलो की बोरी बाहर खरीदी की तब वहां 1400 रुपये दिए। उसी मानक पर बिकने वाली रसायन खाद पर कीमत कभी भी अलग।

खाद की बोरी में कीमत अंकित

केन्द्र सरकार ने 45 किलोग्राम वजन वाली यूरिया की कीमत प्रति बोरी खुदरा दर पर 266 रुपये 50 पैसे निर्धारित की है। यह मूल्य यूरिया की बोरी पर भी अंकित है।

90 प्रतिशत खाद का हुआ उठाव

सोसायटियों में खातेदार किसानों ने 90 प्रतिशत खाद का उठाव कर लिया है। यूरिया, डीएपी, पोटाश और वर्मी कंपोस्ट का स्लाट है जिसमें मांग के हिसाब से स्टाक मंगवा रहे।

जिला - अंबिकापुर : एक पखवाड़े से नहीं मिली खाद

सहकारी समितियों में यूरिया का स्टाक खत्म। किसान मनमानी कीमत पर यूरिया खरीदने मजबूर हैं। खाद व्यवसायी कृषकों को 600-650 रूपए प्रति बोरी की दर से यूरिया बेच रहे हैं। किसानों का कहना है, पूरे सरगुजा संभाग में यूरिया की किल्लत बनी हुई है। एक पखवाड़े से अधिक समय से सहकारी समितियों में यूरिया नहीं है। बलरामपुर राजपुर विकासखंड, शंकरगढ़, कुसमी एवं वाड्रफनगर में यूरिया की कीमत 650 रूपए बोरी। वाड्रफनगर सीमा से लगे यूपी के ग्राम आसनडीह में 350 रूपए की दर से यूरिया बिक रहा। मार्कफेड के प्रबंधक आरपी पाण्डेय ने बताया यूरिया के लिए रेक मंगवाया है, जिससे समस्या नहीं होगी। सरगुजा को 350 टन यूरिया मिलने की संभावना है।

जिला - राजनांदगांव

कर्ज लेकर खेती-किसानी कर रहे किसानों को राजनांदगांव जिले में भी यूरिया की कालाबाजारी का शिकार होना पड़ रहा है। पिछले दस दिनों से जिले की सोसायटियों में खाद खत्म हो गया है। खुले बाजार में तीन गुना दामों पर खाद खरीदने मजबूर हैं। कीमत 600 रुपये तक वसूल की जा रही है। राजनांदगांव शहर की वर्मा कृषि केंद्र, महावीर कृषि केंद्र, खैरागढ़ के वर्मा कृषि केंद्र, पारख कृषि केंद्र और इंदर सेठ की दुकान में जाकर पड़ताल की जहां खुलासा हुआ। जिला प्रशासन ने पिछले दो माह के भीतर 75 दुकानों में छापामार कार्रवाई की है।

छापामार कार्रवाई जारी

खाद की कालाबाजारी के खिलाफ प्रशासन द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है। प्रशासन ने 75 दुकानों के खिलाफ कार्रवाई भी की है। एक-दो दिनों के भीतर सोसायटियों में खाद उपलब्ध हो जाएगी।

-तारन प्रकाश सिन्हा, कलेक्टर राजनांदगांव

जिला - धमतरी

जिले की कृषि खाद दुकानों में यूरिया दो गुने दाम पर बेचा जा रहा है। यहां महेंद्र रावटे ने बताया, कि वह पांच बोरी यूरिया लेने खाद दुकान आया था। प्रति बोरी यूरिया की कीमत 500 रूपये बताई गई। यूरिया का सरकारी दाम 266 रूपये के सवाल पर संचालक का कहना है कि पहले 300 रूपये बोरी यूरिया तथा 300 रूपये का लदान दिया जाता था। अब बिना लदान के 500 रूपये में यूरिया बिक रहा है।

किसान मजबूर

क्षेत्र के छाती, कण्डेल, झिरिया में खाद का संकट है। विपणन संघ सोसायटियों में खाद की आपूर्ति नहीं कर पा रहा है। किसान खुले बाजार में डीएपी 1800 रूपये तथा यूरिया को 500 रूपये बोरी में लेने को मजबूर है।

नरेंद्र साहू, जिलाध्यक्ष, सहकारी सोसायटी - धमतरी

जिला-दुर्ग

सोसायटियों में यूरिया खाद की तंगी। तय कीमत से कहीं ज्यादा 350 रूपए किसानों से वसूल हो रहा। ग्राउंड रिपोर्ट जानने के दौरान एक किसान रविंद्र सार्वा ने बताया, बिना जांच के भी खाद बेचे जा रहे हैं। तय कीमतों से प्राइवेट दुकानों में अतिरिक्त राशि वसूल हो रही है। खातेदार किसानों को खाता लक्ष्य पूरा होने बात कहकर लौटाया भी जा रहा है, जिसका बाहर फायादा उठाया जा रहा।

ग्राम दतरेंगा- निजी खाद सेंटर

रिपोर्टर - फसल के लिए यूरिया कितने में मिलेगा?

महिला कारोबारी- यूरिया आपको 600 रुपए बोरी मिल जाएगा।

रिपोर्टर- इतना महंगा कैसे? सरकारी सोसायटी में तो 266 में मिल रहा है।

महिला कारोबारी- पहले तो हमारे दुकान में 800 रुपए में बेचा जाता था।

रिपोर्टर- फिर अभी 600 कैसे?

महिला कारोबारी- सोसाइटी वाला यूरिया छोटे दाने का होता है, जो सस्ता और उपयोगी नहीं।

खोरपा - निजी खाद सेंटर

रिपोर्टर- यूरिया है क्या? कीमत बताएं।

दुकानदार- हां मिल जाएगा। मंगवा देंगे आपके लिए।

रिपोर्टर- कीमत क्या ले रहे हो?

दुकानदार- अभी ताे 700 तक बेच रहे हैं।

रिपोर्टर- बोरी में कितना यूरिया मिलेगा?

दुकानदार- जितना सोसायटी में 45 किलो ठीक उतना ही।

खोरपा - सरकारी खाद सेंटर

रिपोर्टर- खाद की क्या स्थिति है?

सहायक प्रबंधक- पहले चरण के सभी खातेदारों को मिल चुका है।

रिपोर्टर- कितनी कीमत में दे रहे?

सहा प्रब- वही 266.50 में यूरिया और पोटाश 1200 की बोरी।

रिपोर्टर- बाहर निजी सेंटर में विक्रेता महंगे में क्यों बेच रहे? कोई खास वजह?

सहा.प्रब- मालूम नहीं है। क्यों महंगा बेच रहे।

ग्राम चंडी- पीड़ित किसान

रिपोर्टर- क्या सोसायटी में खाद मिल रहा समय पर?

किसान- सोसायटी से जरुरत के हिसाब मांग जारी है।

रिपोर्टर- बाहर कितने में खाद मिल रहा है?

किसान- साहब 600 से 700 रुपये तक। सोसायटी में नहीं होने पर मैंने भी लिया।

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