कोरोना से मरने वालों ने छोड़ी विरासत की पोटली, किसी में भगवद् गीता, किसी में संपत्ति की कुंडली

रायपुर. कोरोना संक्रमित होने के बाद इलाज के लिए एम्स पहुंचे लगभग साढ़े तीन सौ लोग काल-कवलित होने के बाद अपने पीछे आवश्यक सामानों का बैग छोड़ गए। लंबे इंतजार के बाद भी जब परिजन उसे लेने नहीं पहुंचे तो एम्स की विशेष टीम ने बैग खंगाले। किसी ने अपने बैग में श्रीमद्भगवद् गीता छोड़ी तो किसी की बैग में रुपए थे। एक बैग में कागज की पुड़िया थी, जिसमें बेटों के बीच संपत्ति के बंटवारे का ब्योरा था।
जानकारी के मुताबिक कोरोना संक्रमण की शुरुआत के साथ ही यहां संक्रमितों के उपचार की व्यवस्था की गई थी। कोरोना पीक के दौरान यहां थोक में लोग पॉजिटिव होकर इलाज के लिए पहुंचते थे और बड़ी संख्या में लोग स्वस्थ होकर वापस लौटे और कई लोगों की स्थिति गंभीर होने पर उनकी जान भी चली गई। एम्स में इलाज के लिए आने वाले अपने साथ आवश्यक सामानों का बैग भी लेकर आते हैं और जान गंवाने वालों ने अपना सामान वहीं छोड़ दिया। जानकारी के आधार पर एम्स प्रबंधन की ओर से परिजनों से संपर्क कर उन्हें अमानत अपने साथ ले जाने के लिए सूचना दी गई थी, मगर इस महामारी में अपनों को खोने का गम सहने वाले अधिकांश परिवार बैग लेने वापस नहीं आए। काफी इंतजार के बाद लगभग साढ़े तीन सौ की संख्या में रखे इन सामानों के नष्टीकरण का फैसला लिया गया और इसके लिए संबंधित क्षेत्र के तहसीलदार, आमानाका थाना प्रभारी और एम्स प्रबंधन के सदस्यों की टीम बनाकर बैग खोला गया, जिसमें कई दिलचस्प चीजें सामने आईं।
पैसे और पासबुक की जानकारी
सूत्रों के मुताबिक एक बैग में पानी की बोतल, कपड़ों के साथ एक पत्र भी मिला, जिसमें संबंधित व्यक्ति ने घर में छिपाकर रखे गए रुपए और बैंक पासबुक के बारे में लिखा था। उन्होंने पत्र में इस बात का भी जिक्र किया था कि अगर कोरोना की वजह से उसकी मौत हो जाती है तो बेटे किस हिसाब से संपत्ति का बंटवारा करेंगे।
एम्स में साढ़े तीन सौ बैग लेने नहीं पहुंचे परिजन
एम्स प्रबंधन को कोरोना की वजह से जान गंवाने वालों के बड़ी संख्या में मोबाइल भी मिला है, जिसे वे इलाज के दौरान परिवार से सीधे संपर्क में रहने के लिए अपने साथ लेकर पहुंचे थे। कुछ बैग में सोने की चेन, चूड़ी, अंगूठी तथा अन्य सामान भी मिला है।
रुद्राक्ष और दवा भी
कुछ लोगों के सामान में रुद्राक्ष, मोती की माला, घोड़े की नाल की अंगूठी मिली है। वहीं कई बैग में जरूरी दवाओं के पैकेट मिले। एक बैग ऐसा था, जिसमें रेमडेसिविर इंजेक्शन की छह खुराक भी मौजूद थी, मगर संबंधित मरीज के लिए उसे उपयोग करने की जरूरत ही नहीं पड़ी।
सूचीबद्ध है जानकारी
मरीजों के सामानों की जांच के लिए कमेटी बनाई गई। जांच के बाद खराब होने वाली वस्तुओं नष्ट कर दिया गया है और अन्य सामानों को सुरक्षित रखा गया है।
- शिवशंकर शर्मा, जनसंपर्क अधिकारी, एम्स
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