आज तय होगा किसके सिर होगा भिलाई महापौर का ताज, कांग्रेस पार्षदों ने मेयर का फैसला मुख्यमंत्री पर छोड़ा

आज तय होगा किसके सिर होगा भिलाई महापौर का ताज, कांग्रेस पार्षदों ने मेयर का फैसला मुख्यमंत्री पर छोड़ा
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आज तय होगा किसके सिर होगा भिलाई महापौर का ताज, पार्टी नेताओं ने निर्वाचित पार्षदों की ली बैठक, नगर निगम भिलाई में आज महापौर, सभापति और अपील समिति के लिए चुनाव होगा। कांग्रेस के सभी पार्षद रायपुर के आलीशान होटल में हैं,जहां सभी पार्षदों से कांग्रेस के पर्यवेक्षक गिरीश देवांगन और द्ववारिकाधीश यादव वन टू वन अकेले में बात किए। सूत्रों की माने तो महापौर के लिए दावेदारी करने वाले सभी सीनियर पार्षदों ने सीएम पर महापौर चुनने का फैसला छोड़ दिया है। पढ़िए पूरी ख़बर..

भिलाई: गौरतलब है कि भिलाई नगरनिगम में महापौर का पद सामान्य सीट के लिए आरक्षित है। कांग्रेस यहां बहुमत में हैं। लेकिन कांग्रेस में दावेदारों की संख्या बढ़ गई है और सीनियर व जूनियरों में दावेदारी चल रही है। ऐसे में कांग्रेस बहुमत में होने के बाद भी बगावत की आशंका से भयभीत है। वहीं भाजपा के नेता अबतक शांत बैठे है। हालाकि भाजपा यहां वॉक ओवर नहीं देेने की बात कर रहे हैं, लेकिन अबतक भाजपा की ओर से दोवदारों के नाम तक तय नहीं हो पाए हैं। भाजपा अपनी हार से उबर नहीं पाई है। वहीं भाजपा में एक बार फिर से बड़े नेताओं की गुटभाजी देखने को मिल रही है। जिसका लाभ कांग्रेस को मिल सकता है। लेकिन कांग्रेस में यदि सीनियर के बदले पहली बार के पार्षद को महापौर का प्रत्याशी बनाया गया तो सीनियर बगावत भी कर सकते हैं। वहीं निर्दलीय भी एक जुट हो गए हैं। जो कांग्रेस की पूरी मेहनत पर पानी फेरने और अपनी खुद की सरकार बनाने की रणनीति तैयार कर चुके हैं। अब देखना यह है कि किसके सिर पर महापौर का ताज होगा और कौन सभापति बनेगा।

कांग्रेस पर सीनियर्स और सामान्य वर्ग का दबाव क्यों है, यह भी जानिए...

सीनियर्स इसलिए आगे करना होगा: कांग्रेस ने नर्मिला यादव के समय से मेयर कैंडिडेट्स सरप्राइज करने वाले दिए हैं। देवेंद्र यादव भी छात्र राजनीति से आगे आए। उन्हें सीधे मेयर की टिकट दे दी गई। जबकि नर्मिला यादव के समय भी कई सीनियर्स की टिकट कटी। वही हाल देवेंद्र यादव के समय हुआ था। कांग्रेस लगातार सीनियर्स को साइड कर रही है। इसका नुकसान भी समय-समय पर उठाना पड़ता है। पार्टी में अंदरूनी सेंधमारी लगातार बढ़ती जा रही है। इसलिए इस बार भी सीनियर्स पार्षद या पदाधिकारियों को पार्टी आगे कर सकती है।

भाजपा भी उतरेगी मैदान में

चुनाव हारने के गम में डूबी भाजपा बड़ी मुस्कील से इस गम से उबर पाई है। मतगणना के बाद पहली बार बुधवार को भाजपा की बैठक हुई। बहुत ही निरस मन से भाजपा के नेताओं ने बैठक आयोजित कर महापौर चुनाव में शामिल होने को तैयार हुई। बैठक कर भाजपा के नेता अपने साख बचाने में लगे हुए है और भाजपा के पार्षद कांग्रेस को समर्थन ना दे इसके लिए सभी को एक जुटता का पाठ भी बैठक में पढ़ाया गया। सुपेला भाजपा कार्यालय में आयोजित बैठक में राजनांदगांव सांसद व भिलाई पर्यवेक्षक संतोष पांडेय,भूपेश सवन्नी, दुर्ग सांसद विजय बघेल, पूर्व केबिनेट मंत्री पांडेय, राज्य सभा सांसद सरोज पांडेय के भाई राकेश पांडेय सहित भाजपा के सभी जीते हुए पार्षदों बैठक में शामिल हुई। बैठक में सभी पार्षदों को साधने और एक जुट रखने एकजुटता का पाठ पढ़ाया। बैठक में फैसला लिया गया कि भाजपा कांग्रेस को महापौर और सभापति चुनाव में वॉक ओवर नहीं देगी। बल्कि भाजपा चुनावी मैदान में अपने प्रत्याशी उतारेगी। बैठक में भाजपा की ओर से कौन महापौर हो सकते हैं और कौन सभापति इस विषय पर भी लंगी चर्चा की गई है। हालाकि अभी फाइनल लाइन पार्टी के पदाधिकारियों ने सार्वजनिक नहीं किया है। लेकिन फिलहाल पूर्व नेताप्रतिपक्ष रिकेश सेन, पूर्व सभापति श्याम सुंदर रॉव, दया सिंह, महेश वर्मा और पीयूष मिश्रा की प्रमुख दावेदार है। इसी में से महापौर और सभापति के लिए दावेदार बनाएं जाएंगे और चुनाव के पहले ही भाजपा अपना पत्ता खोलेंगी।

निर्दलियों ने की तगड़ी गोलबंदी

भिलाई नगर निगम के महापौर के चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बाद निर्दलीयों ने भी मोर्चा खोल दिया है। निर्दलीयों की दावेदारी से मुकाबला दिलचस्प होने के आसार हैं। अपनी जीत के लिए निर्दलीयों ने रणनीतिक गोलबंदी की है। भिलाई के महापौर का चुनाव गुरुवार को कलेक्टोरेट में होना है। इसके एक दिन पहले बुधवार को निर्दलीय पार्षदों की अहम बैठक काफी हाउस सुपेला में हुई। बैठक में महापौर के लिए निर्दलीय प्रत्याशी उतारे जाने का निर्णय लिया गया। बैठक में वरिष्ठ पार्षद वशिष्ठ नारायण मिश्रा सहित योगेश साहू, राजा बंजारे, अंजू साहू उपस्थित थे। निगम में कुल पांच निर्दलीय पार्षद हैं, जिनमें एकमात्र पार्षद हरिओम तिवारी व्यस्तता के चलते बैठक में उपस्थिति नहीं हो सके। लेकिन तिवारी ने अब तक किसी अन्य दल का समर्थन नहीं करते हुए निर्दलीयों के संभावित प्रत्याशी का समर्थन करने का भरोसा दिलाया है। बैठक में निर्दलीयों की ओर से महापौर, सभापति और अपील समिति का चुनाव लड़ने का फैसला किया गया। महापौर औैर सभापति पद के लिए प्रत्याशी कौन होगा, इसकी घोषणा चुनाव के दिन गुरुवार को सुबह की जाएगी। दावेदार के नाम का ऐलान कांग्रेस के नामांकन के बाद किया जाएगा। बताते हैं कि बैठक में निर्दलीय पार्षदों द्वारा महापौर चुनाव जीतने के लिए प्रभावी रणनीति तैयार की गई है। सदन में कांग्रेस के 42 और भाजपा के 24 पार्षद हैं । जबकि निर्दलीय की संख्या मात्र पांच है। निर्दलीयों को उम्मीद है कि चुनाव में उन्हें भाजपा का साथ मिलने के साथ कांग्रेस के महापौर के असंतुष्ट दावेदारों और उनके समर्थकों का समर्थन मिल सकता है। निर्दलीय पार्षदों का मानना है कि उन्हें कांग्रेस की अंतरकलह का लाभ मिल सकता है।

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