टमाटर ने लगाया दोहरा शतक, रायपुर में 200 रुपए किलो, यह इतिहास में सबसे ऊंचा रेट

रायपुर। छत्तीसगढ़ में टमाटर ने पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़कर दोहरा शतक लगा दिया है। इस तरह प्रदेश में पहली बार टमाटर चिल्हर में दो सौ प्रति किलो में बिक रहा है, जो अन्य सब्जियों की तुलना में सबसे ज्यादा है। सब्जियों में अब तक डबल सेंचुरी हरी मिर्च, हरी धनिया और खास अदरक आदि लगा चुके हैं, लेकिन यह रिकॉर्ड अब टमाटर के नाम पर हो गया है। टमाटर के भाव में लगातार बढ़ोतरी होने से आम लोगों के घरों में थॉलियों में परोसी जाने वाली ज्यादातर सब्जियों से टमाटर भी गायब हो चुके हैं। थोक सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि बारिशभर टमाटर के भाव में उतार- चढ़ाव जारी रहेगा। इसके कारण आम लोगों को टमाटर से राहत मिलना मुश्किल है। हालांकि टमाटर, अदरक को छोड़कर अन्य सब्जियां जरूर लोगों को महंगाई से राहत दे रही हैं। आवक ठीक होने के कारण इनके दाम फिलहाल स्थिर हैं। राजधानी रायपुर के चिल्हर सब्जी बाजारों में शनिवार को टमाटर के भाव
सुनकर ही लोगों का पसीना छूटने लगा। 120 से के 160 रुपए तक क्वालिटी के अनुसार अब तक बिक रहे टमाटर सीधे 180 से 200 दो सौ रुपए किलो तक बिकते मिले। नंदी चौक टिकरापारा स्थित सब्जी बाजार के कुछ चिल्हर विक्रेताओं ने बातचीत में बताया कि थोक सब्जी मंडी में ही टमाटर की आवक बहुत कम हो गई है। इसके कारण थोक में ही टमाटर क्वालिटी के अनुसार 140 से 160 रुपए किलो में मिल रहा है, जिसके कारण चिल्हर में भी भाव बढ़ गए हैं। उन्होंने बताया कि रविवार को टमाटर के भाव में और तेजी आ सकती है।
आवक घटने से बढ़ सकते हैं सब्जियों के भाव
प्रदेश में ज्यादातर सब्जियां बेंगलुरु, नागपुर सहित अन्य दूसरे राज्यों के शहरों से आती हैं, लेकिन इन दिनों कई राज्यों के शहरों में भारी बारिश हो रही है। इसके कारण सब्जियों की फसल खराब होने एवं परिवहन में बारिश बाधा बनने से आवक कभी भी घट सकती है। आवक घटने से ही सब्जियों के भाव फिर बढ़ सकते हैं। हालांकि करेला, भिंडी, कोचई मुनगा, तोरई, गाजर, नीबू, हरी मिर्च - धनिया, कुंहड़ा, लौकी, बरबट्टी, शिमला मिर्च आदि सभी सब्जियों की आवक फिलहाल ठीक है, जिससे इनके भाव भी स्थिर हैं।
अदरक अभी भी महंगा
टमाटर की तरह अदरक के भाव अभी भी बढ़े हुए हैं। चिल्हर में ढाई सौ रुपए किलो तक बिक रहे अदरक की आवक पहले की तुलना में जरूर थोड़ी बढ़ी है, लेकिन इसके भाव अभी भी आसमान छू रहे हैं। इसके कारण अदरक की भी डिमांड अभी कम है। लोग अदरक लेने से कतराने लगे हैं।
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