छत्तीसगढ़ में पर्यटन को मिला उद्योग का दर्जा : राम वन गमन परिपथ और ट्रायबल टूरिज्म सर्किट ने दी प्रदेश को नई पहचान

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशन में राज्य शासन ने पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने के लिए नई पर्यटन नीति 2020 में लागू किया है। छत्तीसगढ़ पर्यटन नीति 2020 में स्थानीय उद्यमियों और निजी निवेशकों को पर्यटन प्रोत्साहन, पी.पी.पी. मॉडल पर पर्यटन विकास के लिए आवश्यक प्रावधान किए गए हैं। साथ ही राज्य के समस्त जिलों में चिन्हांकित पर्यटन स्थलों में से प्राथमिकता के आधार पर पर्यटन स्थलों का विकास कर उससे सुगम बनाया गया है।
जल पर्यटन के क्षेत्र में हुए अनेक काम
छत्तीसगढ़ में जल पर्यटन की पर्याप्त संभावनाओं को देखते हुए प्रदेश के 9 जलाशयों मुरूमसिल्ली, गंगरेल डैम धमतरी, हसदेव बांगो जलाशय कोरबा, संजय गांधी जलाशय (खूंटाघाट) रतनपुर, सरोधा जलाशय कबीरधाम, समोधा बैराज, कोडार जलाशय रायपुर मनालिया जलाशय गौरेला और दुधावा जलाशय कांकेर का चयन किया गया है। इनमें से गंगरेल बांध और हसदेव बांगो जलाशय कोरबा में बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचने लगे हैं। यहां छत्तीसगढ़ के अलावा दूसरे राज्यों के भी पर्यटक पहुंचते हैं।
राम वन गमन पथ का विकास
छत्तीसगढ़ में राम वन गमन पथ में आने वाले 75 स्थलों का चयन किया गया है। प्रथम चरण में 10 स्थानों सीतामढ़ी हरचौका, रामगढ़, शिवरीनारायण, चंपारण्य, तुरतुरिया, चन्द्रखुरी, राजिम, सिहावा सप्तऋषि आश्रम, जगदलपुर एवं रामाराम के विकास और सौंदर्यीकरण के लिए 162 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान किया गया है। चंदखुरी, शिवरीनारायण, राजिम और चंपारण्य में शुरूआती चरणों के कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं। इनमें से कौशल्या माता मंदिर चन्द्रखुरी पर सरकार का खास जोर रहा है।
ट्रायबल टूरिज्म सर्किट का निर्माण
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