केंद्र सरकार के खिलाफ ट्रेड यूनियनों ने खोला मोर्चा, मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन की दी चेतावनी

कोरबा। कोल इंडिया के निजीकरण के खिलाफ सहित अन्य मांगों को लेकर कोयलाकर्मियों ने सोमवार को एसईसीएल जीएम कार्यालय के बाहर जमकर प्रदर्शन किया। कोयलाकर्मियों का कहना है कि सरकार मजदूर विरोधी नीति लाकर पूंजीपतियों को लाभ पहुंचा रही है।
मिली जानकारी के अनुसार, कोल इंडिया के निजीकरण के खिलाफ कोयलाकर्मियों ने आज केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया और जमकर नारेबाजी की। कोयलाकर्मियों का आरोप है कि सरकार केवल अपना और पूंजीपतियों का हित देख रही है, जिसका बुरा प्रभाव कर्मचारियों पर पड़ेगा। सरकार न तो वेतन समझौता कर रही है और न ही भू-विस्थापितों को नौकरी दे रही है। कोयलाकर्मियों ने स्पष्ट रूप से कह दिया है कि कोल इंडिया का अगर निजीकरण हुआ तो उनकी ओर से वृहद् आंदोलन किया जाएगा।
इसके अलावा उपनगरी इलाके कुसमुंडा, गेवरा, दीपका में भी हड़ताल का असर देखने को मिला। एसईसीएल की मानिकपुर कोल परियोजना में भी ट्रेड यूनियनों ने हड़ताल किया। श्रमिक संगठन एटक ने खदान के भीतर नारेबाजी करते हुए उत्पादन ठप्प कराया। इस दौरान खदान के भीतर दौड़ने वाले वाहनों के पहिये थाम दिए गए। श्रमिक नेता दिपेश मिश्रा ने बताया कि सरकार जिस तरह से मजदूर विरोधी नीतियां अपना रही है, उससे किसी का भी भला नहीं होने वाला लिहाजा सरकार को अपनी नीतियों में जल्द से जल्द बदलाव लाने की जरुरत है।
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