ट्रैफिक सिग्नल व्यवस्था हुई ठप, लोहे का घेरा बनाकर की बेरिकेडिंग

ट्रैफिक सिग्नल व्यवस्था हुई ठप, लोहे का घेरा बनाकर की बेरिकेडिंग
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हर की ट्रैफिक व्यवस्था भगवान भरोसे है। प्रमुख चौक-चौराहों पर सुगम यातायात के नाम पर आए दिन नए प्रयोग से जहां शहरवासी परेशान हो रहे हैं, वहीं ट्रैफिक सिग्नल होने के बाद भी यातायात के दबाव वाले स्थानों पर सिग्नल को बंद कर ट्रैफिक विभाग अजीबोगरीब प्रयोग करने तुला हुआ है।

हरिभूमि रायपुर समाचार: शहर की ट्रैफिक व्यवस्था भगवान भरोसे है। प्रमुख चौक-चौराहों पर सुगम यातायात के नाम पर आए दिन नए प्रयोग से जहां शहरवासी परेशान हो रहे हैं, वहीं ट्रैफिक सिग्नल होने के बाद भी यातायात के दबाव वाले स्थानों पर सिग्नल को बंद कर ट्रैफिक विभाग अजीबोगरीब प्रयोग करने तुला हुआ है। महिला थाना चौराहे पर रोजाना हजारों की संख्या में लोगों की सुबह-शाम आवाजाही रहती है, पर अचानक वहां के सिग्नल बंद कर बीच सड़क पर लोहे का जालीनुमा घेरा बनाकर बेरिकेडिंग कर नया प्रयोग शुरू कर दिया गया है। जो लोगों की समझ से परे है।

कटोरा तालाब से लाखेनगर तक के सड़कों की खुदाई के बाद महिला थाना चौक के पास ट्रैफिक विभाग ने यातायात सिग्नल बंद कर दिया है। इससे चारों तरफ से आने-जाने वालों को यह समझ नहीं आ रहा कि पहले आप या पहले आप? अनिश्चितता की इस स्थिति हड़बड़ी में सड़क पार करने पर दुघर्टना का अंदेशा बना हुआ है। दुपहिया, तिपहिया और चारपहिया चालकों के अलावा पैदल चलने वाले बड़ी संख्या में इसी मार्ग से गुजरते हैं।

मोतीबाग चौक पर लगा दिया बेरिकेड, सिग्नल बंद

बंजारी वाले बाबा की मजार के पास मोतीबाग चौक की व्यस्त सड़क पर लगाए गए यातायात सिग्नल को बंद कर दिया गया है। इसकी जगह लोेहे का गोल घेरानुमा बेरिकेड लगाकर यातायात नियंत्रित करने नया प्रयोग शुरू हो गया है। इसके कारण सुबह-शाम वाहनों की लाइन लगने लगी है। बड़ी सड़क पर सिग्नल के रहते इसे बंद करने और लोहे की जाली लगाने के औचित्य को लेकर सवा उठने लगे हैं।

गांधी सदन के सामने सड़क घेरकर रोटरी पर सवाल

नगर निगम मुख्यालय के सामने चौड़ी सड़क को घेरकर बनाई गई रोटरी को आम जनता के विरोध के बाद भी तोड़ा नहीं जा सका। भाजपा पार्षद दल ने नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे के नेतृत्व में महापौर एजाज ढेबर, रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के एमडी मयंक चतुर्वेदी को शिकायत कर इसे तत्काल तोड़ने की मांग की। शिकायतकर्ताओं को निगम प्रशासन की ओर से आश्वस्त किया गया कि जनहित में गांधी सदन के सामने बनाई गई रोटरी तोड़ी जाएगी, पर आज तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

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