नहीं मिला इलाज : सर्जरी टली, जांच के लिए इधर - उधर भटके मरीज, हड़ताल से बिगड़ी अस्पतालों की हालत

रायपुर । साठ हजार स्वास्थ्य कर्मियों के हड़ताल पर जाने की वजह से मंगलवार को राज्य के सभी शासकीय अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में उपचार व्यवस्था प्रभावित रही। ओपीडी में मरीजों की जांच के साथ स्लाइन चढ़ाने और मरहम पट्टी लगाने का काम डॉक्टर करते रहे। टेक्निशियनों और रेडियोग्रॉफरों की कमी के कारण विभिन्न तरह की जांच प्रभावित रही, वहीं बड़े अस्पतालों में रूटीन सर्जरी को भी टालना पड़ा। अस्पतालों की व्यवस्था संभालने कॉलेजों में पढ़ने वाली नर्सिंग छात्राओं की मदद भी ली गई।
डॉक्टरों के हड़ताल से मरीज परेशान
स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी दो दर्जन मांगों के साथ मंगलवार से हड़ताल पर चले गए हैं। सभी संवर्ग के कर्मचारियों के एक साथ काम बंद करने की वजह से अस्पतालों के साथ सभी स्वास्थ्य केंद्रों में उपचार व्यवस्था प्रभावित हो गई है। हड़ताली कर्मचारियों ने अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई, पानी, बिजली, ऑपरेशन थियेटर, इमरजेंसी, ट्रामा और आईसीयू की व्यवस्था बनाए रखने के लिए कुछ कर्मचारियों को हड़ताल से अलग रखा था। बावजूद इसके अस्पताल की व्यवस्था प्रभावित रही।
सीमित कर्मचारियों के साथ डॉक्टर संभालते रहे कामकाज
आंबेडकर अस्पताल में सुबह ओपीडी में आए मरीजों की जांच डॉक्टरों ने की और तृतीय तथा चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों की अनुपस्थिति में उनकी ड्रेसिंग से लेकर मरहम पट्टी भी करते रहे। टेक्निशियन और रेडियोग्रॉफर की संख्या सीमित होने की वजह से सोनोग्रॉफी, एक्स-रे कराने वालों की भीड़ रही। नर्सिंग स्टाफ, टेक्निशियन नहीं होने की वजह से अस्पताल में होने वाली रूटीन सर्जरी को टाल दिया गया। ट्रामा में भी आने वाले मरीजों को स्लाइन तक चढ़ाने का काम डॉक्टरों के भरोसे रहा। वहीं वाड़ों में भर्ती मरीजों को नर्सिंग स्टाफ के काम पर नहीं आने की वजह से समय दवा के लिए भी इंतजार करना पड़ा। आंबेडकर अस्पताल के अलावा डीके अस्पताल, जिला अस्पताल सहित तमाम स्वास्थ्य केंदों में भी उपचार व्यवस्था प्रभावित रही।
स्वास्थ्य केंद्रों में प्रदर्शन और तूता में धरना
छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बैनर तले 24 सूत्रीय मांगों पर हो रहे न्दोलन के दौरान कर्मचारियों ने पहले दिन सभी जिला मुख्यालय के स्वास्थ्य केंद्रों में एकत्रित होकर नारेबाजी की। राजधानी के विभिन्न अस्पतालों के कर्मचारियों ने आंबेडकर अस्पताल में एकत्रित होकर नारेबाजी की। इसके बाद तूता स्थित धरनास्थल पर प्रदर्शन किया।
जिला अस्पताल में मरीजों को छुट्टी
जिला अस्पताल में ओपीडी का काम तो डॉक्टरों ने आसानी से संभाल लिया। वाडों में भर्ती मरीजों की देखभाल में होने वाली दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए भर्ती कम गंभीर मरीजों को छुट्टी दे दी गई। अस्पताल में नसों की कमी दूर करने नर्सिंग छात्राओं की मदद ली जा रही है।
मरीज रेफर करने की समस्या
वाहन चालकों की हड़ताल की वजह से आंबेडकर अस्पताल से मरीजों को डीके अस्पताल रेफर करने में भी समस्या आती रही। एक ड्रायवर के भरोसे | रेफर व्यवस्था होने की वजह से मरीजों को दूसरे अस्पताल तक जाने के लिए इंतजार | करना पड़ा। तृतीय और चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों के नहीं आने की वजह से अस्पताल की सफाई | व्यवस्था प्रभावित रही।
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