इलाज कराने गई आदिवासी महिला की अस्पताल में मौत, अस्पताल सील प्रबंधक पर FIR दर्ज...

कोरबा। अस्पताल में एक आदिवासी महिला की मौत हो गई। महिला अस्पताल में टूटे हाथ का इलाज कराने गई थी। परिवार का आरोप है कि अस्पताल ने उसे तीन दिन तक भूखा रखा जिससे उसकी मौत हो गई। महिला के इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पताल पहुंची थीं, लेकिन उसे वहां से गीता देवी मेमोरियल प्राइवेट अस्पताल भेज दिया गया था। महिला की मौत के बाद हंगामा हो गया है। घटना के सूचना के बाद पूर्व गृहमंत्री ननकी राम कंवर अस्पताल के बाहर ही देर रात तक धरना देते रहे। इसके बाद प्रशासन ने अस्पताल को सील कर प्रबंधक पर FIR दर्ज करा दी। सरकारी अस्पताल के आरोपी डॉक्टरों पर भी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक, लेमरू थाना क्षेत्र के सतरेंगा गांव निवासी 50 वर्षीय सोनी बाई का हाथ में फैक्चर था। उसे दिखाने के लिए बुधवार को वह मेडिकल कॉलेज से संबद्ध जिला अस्पताल पहुंचा। वहां दोपहर में ओपीडी बंद होने पर बाहर बैठकर इंतजार कर रहा था। बताया जा रहा है कि इसी दौरान शुभम नाम का एक युवक आया और उन्हें बेहतर इलाज का झांसा देकर गाड़ी से कोसाबाड़ी स्थित गीता देवी अस्पताल ले गया। गीतादेवी अस्पताल में डॉक्टरों ने चेकअप के बाद ऑपरेशन की बात कही और सोनी बाई को भर्ती कर लिया। आरोप है कि डॉक्टर तीन दिन तक ऑपरेशन के लिए टालते रहे। इसी बीच शुक्रवार देर रात करीब 1 बजे सोनी बाई ने दम तोड़ दिया। पति सुख सिंह का कहना है कि ऑपरेशन के लिए 3 दिन भूखा रखा गया। संरक्षित जनजाति पहाड़ी कोरवा से जुड़ा मामला होने के कारण पुलिस ने तहसीलदार के सामने दोनों पक्षों को पूछताछ के लिए बुला लिया। अफसरों का कहना था कि रिपोर्ट प्रशासन को भेज दी गई है।
पूर्व गृहमंत्री पहुंचे अस्पताल
सूचना मिलने रामपुर विधायक और पूर्व गृहमंत्री ननकी राम कंवर BJP कार्यकर्ताओं के साथ गीतादेवी अस्पताल पहुंच गए। उन्होंने अस्पताल के बाहर ही धरना देना शुरू कर दिया। उनका धरना देर रात तक चलता रहा। उनका कहना था कि प्रशासन आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करे। गीता देवी अस्पताल बिना लाइसेंस के चल रहा है, उसे भी बंद कराया जाए। वहीं पूर्व गृहमंत्री ने विधानसभा सत्र शुरू होने के बाद अनशन की भी चेतावनी दी है।
कलेक्टर रानू साहू ने इमामले में जांच के निर्देश दे दिए हैं। इसके साथ ही कलेक्टर ने मेडिकल कॉलेज डीन को जिला अस्पताल के अन्य डॉक्टरों को नोटिस देने के निर्देश दिए हैं
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