लेमरू हाथी कॉरिडोर : हसदेव बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले आदिवासियों का राजधानी कूच, 13 को पहुंचेंगे रायपुर

लेमरू हाथी कॉरिडोर : हसदेव बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले आदिवासियों का राजधानी कूच, 13 को पहुंचेंगे रायपुर
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पर्यावरण मंत्री अकबर बोले : कुछ लोगों को गलतफहमी है

कोरबा। हसदेव बांगो क्षेत्र का जंगल राज्य के सबसे समृद्ध वनांचल में से एक माना जाता है। अब अपने जंगल को बचाने के लिए क्षेत्र के आदिवासी पदयात्रा करते हुए राजधानी रायपुर के लिए निकले हैं। बड़ी संख्या में निकले आदिवासियों का जत्था 13 अक्टूबर को राजधानी रायपुर पहुंचेगा। हसदेव बचाओ संघर्ष समिति का कहना है कि सरकार हसदेव के जंगल को बचाने के लिए कुछ नहीं कर रही है। इधर दूसरी ओर आज इस मामले में पर्यावरण एवं जलवायु मंत्री मो. अकबर ने कहा है कि कुछ लोगों को गलतफहमी है। उन्हें आशंका है कि लेमरू हाथी कॉरिडोर में कोल ब्लॉक को शामिल किया जा रहा है। जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है। हाथी रिजर्व का दायरा सरकार ने जो पहले तय किया था, वही रहेगा। उन्होंने बताया कि 1995 वर्ग किलोमीटर के लिए जल्द नोटिफिकेशन जारी हो जाएगा। हमारी सरकार बनने के बाद इस दिशा में तेजी से पहल की गई है। पूर्व में 2007 से 2018 तक यह प्रोजेक्ट 11 सालों तक लटका रहा था। मंत्री ने यह भी कहा कि जो पदयात्री रायपुर पहुंच रहे हैं उनका स्वागत है, अगर कोई प्रतिनिधि मंडल बात करने के लिए तैयार, तो हम उनसे जरूर बात करेंगे।

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