छत्तीसगढ़ जिला निर्वाचन अधिकारियों का दो दिवसीय प्रशिक्षण, विधानसभा चुनाव की पहचान होगी चुनई चिरई

Raipur News: छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा आम चुनाव पहचान चिन्ह चुनई चिरई के जरिए होगा। विधानसभा निर्वाचन के लिए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (Chief Electoral Officer) कार्यालय द्वारा तैयार मास्कोट चुनई चिरई (Chonai Chirai) का अनावरण भारत निर्वाचन आयोग में स्वीप के संचालक संतोष अजमेरा ने किया है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय द्वारा सभी जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों (District Election Officers) और उप जिला निर्वाचन अधिकारियों के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। छत्तीसगढ़ प्रशासन अकादमी निमोरा में आयोजित प्रशिक्षण के पहले दिन भारत निर्वाचन आयोग के नेशनल लेवल मास्टर ट्रेनर्स (National Level Master Trainers) ने जिला निर्वाचन अधिकारियों को ई-रोल, वल्नरेबिलिटी मैपिंग, पोस्टल बैलेट, ईव्हीएम एवं व्हीव्हीपैट की कार्यप्रणाली के बारे में बताया।
वहीं दूसरे दिन भारत निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने आदर्श आचरण संहिता, सूचना प्रौद्योगिकी एप्लीकेशन, मीडिया प्रमाणन और निगरानी समिति, पेड न्यूज, कानून-व्यवस्था, डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन मैनेजमेंट प्लान, व्यय अनुवीक्षण और निर्वाचन व्यय लेखा का प्रशिक्षण दिया। इसमें भारत निर्वाचन आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में सभी जिलों में संचालित स्वीप गतिविधियों की समीक्षा की गई। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबासाहेब कंगाले ने पारदर्शी, निष्पक्ष, त्रुटिरहित, विवाद रहित और समावेशी निर्वाचन के लिए प्रशिक्षण का महत्व रेखांकित किया।
नवविवाहित महिलाओं का नाम उनके नए निवास पर जोड़ें
भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) में स्वीप के संचालक संतोष अजमेरा ने उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि निष्पक्ष और पारदर्शी निर्वाचन के लिए आयोग निर्वाचन की हर गतिविधियों को गंभीरता से संचालित करती है। उन्होंने छत्तीसगढ़ में नवविवाहित महिलाओं के नाम उनके नए निवास स्थल की मतदाता सूची में जोड़ने के लिए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय द्वारा चलाए जा रहे नवविवाहिता सम्मान कार्यक्रम की सराहना की।
एक मतदान केंद्र में 4 से ज्यादा पोलिंग बूथ न हो
नेशनल लेवल मास्टर ट्रेनर पुलक भट्टाचार्य (Pulak Bhattacharya) ने जिला निर्वाचन अधिकारियों को त्रुटिरहित निर्वाचक नामावली तैयार करने और मतदान केन्द्रों के युक्ति और युक्तीकरण के लिए इसके विभिन्न पहलुओं की विस्तार से जानकारी दी है और एक मतदान केंद्र स्थल पर चार से ज्यादा पोलिंग बूथ नहीं होना चाहिए। उन्होंने आबादी के अनुरूप मतदाता सूची में शामिल नामों की प्रतिशतता और लिंग अनुपात का ध्यान रखने को कहा। उन्होंने फॉर्म पांच के साथ प्रकाशित निर्वाचक नामावली को मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को अनिवार्यता उपलब्ध कराने को बोला है।
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