दो डॉक्टरों ने 1400 बच्चों के दांतों में बांध दिए डेढ़ करोड़ के तार, लाइसेंस सस्पेंड

रायपुर. स्वास्थ्य योजना में दस-दस हजार रुपए का लाभ लेने के लिए छह गांवों के 14 सौ बच्चों के दांतों में जबरिया चार लगाने वाले दो चिकित्सकों का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है। वर्ष 2018-19 में हुए इस मामले की जांच के लिए गठित विशेष टीम ने चिकित्सकों को दोषी करार दिया था। श्री साईं सुपर स्पेशलिटी डेंटल हास्पिटल और छत्तीसगढ़ डेंटल हास्पिटल के चिकित्सक एमडीएस मनीष कुमार पंडित और रवि गाेयल द्वारा करीब 1.40 करोड़ रुपए का अनुचित लाभ लेने के लिए छह गांवों से बच्चों को बुलाकर उनके दांतों में तार लगा दिया गया था, जबकि इसकी जरूरत नहीं थी। मामले का खुलासा होने के बाद इस मामले में स्वास्थ योजना की जिम्मेदारी संभालने वाले
सीईओ नीरज बंसोड़ ने जांच के लिए विशेष कमेटी का गठन किया था। जांच में डाक्टर पंडित और डा. गाेयल को दोषी माना गया था। उस दौरान अस्पताल को स्वास्थ्य योजना की इंपैनल सूची से हटा दिया गया था। वहीं मामले की सूचना राज्य दंत चिकित्सा परिषद को दी गई थी, जिसके आधार पर सुनवाई के बाद रजिस्ट्रार की ओर से डाक्टरों का लाइसेंस एक साल के लिए निलंबित करने आदेश जारी कर दिया गया है।
निजी अस्पताल शामिल नहीं
दांतों के इलाज के नाम पर गड़बड़ी की शिकायत को ध्यान में रखते हुए वर्तमान में संचालित डा. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना की मदद से दांतों की बीमारी का इलाज केवल शासकीय अस्पतालों में कराने की सुविधा दी गई है। निजी अस्पताल को इस बीमारी के इलाज के लिए योजना में शामिल नहीं किया गया है।
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