राजीव गांधी किसान न्याय योजना में सभी श्रेणी के भू्-स्वामी और वन पट्टाधारी किसान होंगे पात्र

राज्य में फसल विविधीकरण, उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि फसल के काश्त लागत की प्रतिपूर्ति कर किसानों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से संचालित राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत खरीफ 2021 से लागू प्रावधानों के क्रियान्वयन को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी गई है। कृषि विभाग द्वारा शनिवार को जारी दिशा-निर्देश के अनुसार राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत सभी श्रेणी के भू-स्वामी और वन पट्टा धारी कृषक पात्र होंगे। संस्थागत भू-धारक, रेगहा, बटाईदार और लीज खेती करने वाले कृषक इस योजना के पात्र नहीं होंगे।
योजना के तहत खरीफ 2021 से धान के साथ खरीफ की प्रमुख फसल मक्का, कोदो-कुटकी, सोयाबीन, अरहर तथा गन्ना उत्पादक कृषकों को प्रतिवर्ष प्रति एकड़ के मान से 9 हजार रुपए आदान सहायता राशि दी जाएगी। वर्ष 2020-21 में जिस रकबे से किसान द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया गया था यदि वह धान के बदले कोदो-कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान अन्य फोर्टिफाइड धान, केला, पपीता लगाता है अथवा वृक्षारोपण करता है तो उसे प्रति एकड़ 10 हजार रुपए के मान से आदान सहायता मिलेगी। वृक्षारोपण करने वाले कृषकों को 3 वर्ष तक आदान सहायता दी जाएगी। योजना अंतर्गत पोर्टल में पंजीकृत कृषकों को नोडल बैंक के माध्यम से किस्तों में आदान सहायता राशि सीधे उनके बैंक खाते में अंतरित की जाएगी। योजना के अंतर्गत हितग्राही के सत्यापन की जिम्मेदारी कृषि विभाग के जिला एवं मैदानी स्तर के अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में शासन के निर्देशानुसार करेंगे।
1 जून से किसानों का पंजीयन
इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों को पंजीयन कराना होगा। पंजीयन राजीव गांधी किसान न्याय योजना के पोर्टल पर 1 जून से 30 सितंबर के मध्य किया जा सकेगा। योजना का क्रियान्वयन राज्य स्तर पर आयुक्त एवं संचालक कृषि तथा जिला स्तर पर कलेक्टर की देखरेख में उपसंचालक कृषि द्वारा किया जाएगा। इस योजना के तहत पंजीकृत कृषक को अपने आवश्यक दस्तावेज जैसे ऋण पुस्तिक, बी-1, आधार नंबर, बैंक पासबुक की छायाप्रति के साथ निर्धारित प्रपत्र में भरे हुए आवेदन का सत्यापन कृषि विस्तार अधिकारी से कराना होगा।
गिरदावरी में त्रुटि पर होगी कार्रवाई
राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत सम्मिलित फसल के रकबे के निर्धारण के लिए भुइंया पोर्टल पर संधारित गिरदावरी के आंकड़े को ही अधिकृत रूप से उपयोग किया जाएगा। सभी फसलों का कृषकवार, खसरावार बोए गए फसल के क्षेत्राच्छादन की जानकारी राजस्व विभाग द्वारा गिरदावरी के माध्यम से की जाएगी। गिरदावरी के आंकड़ों में त्रुटि अथवा भिन्नता पाए जाने पर राजस्व विभाग द्वारा सुधार का कार्य किया जाएगा। राजस्व रिकार्ड में दर्ज रकबा एवं किसान द्वारा बोए गए वास्तविक रकबे में भिन्नता पाए जाने पर संबंधित अधिकारी तथा पर्यवेक्षण करने वाले अमलों की जवाबदेही तय की जाएगी।
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