जेल से भागा विचाराधीन कैदी : तबियत खराब होने पर लेकर गए थे अस्पताल, टॉयलेट के बहाने निकला, हुआ फरार

सूर्या चन्द्रवंशी-कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले से जेल से कैदी के फरार होने का मामला सामने आया है। यहां एक जेल का विचाराधीन कैदी जेल को चकमा देकर फरार हो गया है। आरोपी नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में जेल में कैद था। इस दौरान उसकी तबियत खराब हो गई। इसके बाद कैदी को इलाज के लिए अस्पताल लाया गया, जहां से वह फरार हो गया। मामला कुकदूर थाना क्षेत्र का है।
दरअसल यहां जेल का विचाराधीन कैदी पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। फरार अपराधी की जेल में अचानक तबियत खराब हो गई। इसके बाद उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद वह टॉयलेट जाने का बहाना बनाकर अस्पताल से फरार हो गया। फिलहाल उसकी तलाश की जा रही है। उसकी तलाश में जगह-जगह नाकाबंदी की गई है।
दीवार फांद के निकला आरोपी
मिली जानकारी के अनुसार, विचाराधीन कैदी 20 वर्षीय सन्नी चौरसिया की तबियत बीते 7 नवंबर को अचानक से खराब हो गई थी। बीमार होने पर उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां उसे सामान्य वार्ड में अन्य मरीजों के साथ रखा गया था। जेल प्रहरी उसकी निगरानी कर रहे थे। इसी बीच कल शाम करीब साढ़े छह बजे के आस-पास वह टॉयलेट के बहाने दीवार फांदकर अस्पताल से भाग निकला। पुलिस ने तुरंत उसकी तलाश शुरू कर दी है। जेल प्रहरी ने उच्चाधिकारियों को कैदी के भागे जाने की सूचना दी है। पुलिस कैदी को पकड़ने के लिए चेकपोस्ट बनाकर वाहनों की भी तलाशी कर रही है। दरअसल पुलिस ने विचाराधीन कैदी करीब 12 दिन पहले नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में आरोप में पकड़ा था। इसके बाद से ही वह कवर्धा जेल में बंद था। फिलहाल कैदी की तलाश के लिए जगह-जगह नाकाबंदी की गई है। बॉर्डर इलाकों पर भी पुलिस की नजर है।
सोशल मीडिया पर की थी नाबालिग से दोस्ती
वहीं, पुलिस ने आरोपी पर 5 हजार रुपए का इनाम का घोषित किया है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि, जिस किसी को भी ये बंदी दिखे, तत्काल उसकी सूचना पुलिस को दें। आरोपी के खिलाफ पुलिस ने IPC की धारा 363, 366, 376(2)N, 342, और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। अपराधी मूल रूप से यूपी का निवासी है। पुलिस के अनुसार आरोपी ने फेसबुक से कुकदूर थाना क्षेत्र निवासी नाबालिग लड़की से पहले दोस्ती की। इसके बाद शादी का झांसा देकर, उसे घर से भगाकर ले गया था। नाबालिग के परिजनों ने गुमशुदगी की रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद वह न्यायिक हिरासत में जेल में बंद था। इस दौरान वह पुलिस कैद से भाग निकला।
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