अनोखा विजयादशमी उत्सव : यहां मनाया जाता है दुनिया का अनोखा विजयादशमी उत्सव... 'गढ़ विच्छेदन' कर 'वीर' की उपाधि पाने जोर आजमाइश करेंगे युवा

देवराज दीपक-सारंगढ़। दशहरा का पर्व अधर्म पर धर्म की विजय को प्रतीक है। विजयादशमी का पर्व पूरे देश में बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। दशमी तिथि पर भगवान राम, रावण का वध कर माता सीता को वापस लेकर आए थे, जिसकी खुशी में हर साल दशहरा का पर्व मनाया जाता है। आज सभी जगहों पर दशहरे का यह पर्व बड़े ही धूम-धाम से मनाया जा रहा है। आज पूरे देशभर में रावण दहन होगा। इस अवसर पर जगह-जगह लोग अच्छाई की जीत पर जश्न मनाते नज़र आएंगे।
अनोखा विजयदशमी उत्सव 'गढ़ विच्छेदन'
दशहरा के इस पावन पर्व पर अलग-अलग जगहों पर लोग विविध प्रकार की परम्पराओं का पालन करते हुए इस त्यौहार को मना रहे हैं। ऐसे में छत्तीसगढ़ के सारंगढ़ में आज विश्व का अनोखा विजयदशमी उत्सव 'गढ़ विच्छेदन' के नाम से मनाया जायेगा। यह गढ़ उत्सव, सारंगढ़ का सबसे दुर्लभ उत्सव है। 200 वर्ष पुरानी इस परम्परागत गढ़ उत्सव में साही औजारों और बांस की तलवारों की पूजा की जाती है और नगाड़ों की पूजा अर्चना की जाती है।
50 प्रतिभागी आजमाएंगे अपना भाग्य
सारंगढ़ के इस अनोखे त्यौहार में लगभग 20 हजार से भी श्रद्धालु अनोखे विजयादशमी उत्सव के कार्यक्रम में शामिल होने आते हैं। इस गढ़ उत्सव में एक खास प्रतियोगिता भी होती है। इसमें मिट्टी से बने गढ़नुमा आकृति पर चढ़ने के लिए प्रतिस्पर्धा होती है। लगभग 50 प्रतिभागी अपना भाग्य आजमाएंगे। इस प्रतियोगता में विजेता को वीर की पदवी मिलती है।
कार्यक्रम की तैयारी को लेकर प्रशासन भी चुस्त
सारंगढ़ के गढ़ उत्सव के लिए कोतरी ग्राम के गोस्वामी परिवार के द्वारा रावण बनाया जाता है। इस खास कार्यक्रम की तैयारी को लेकर प्रशासन भी चुस्त है। इस उत्सव के आखिर में शांति और समृद्धि का प्रतीक 'नीलकंठ राजा के द्वारा नीलकंठ को आकाश में छोड़ा जाता हैं। देखें वीडियो..
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