अनोखी शादी : बारात पहुंची तो वधु थी अस्पताल में.. वर भी वहीं पहुंच गया बारात के साथ हास्पिटल... वहीं निभाईं रस्में... दोनो पक्ष खुश

अनोखी शादी : बारात पहुंची तो वधु थी अस्पताल में.. वर भी वहीं पहुंच गया बारात के साथ हास्पिटल... वहीं निभाईं रस्में... दोनो पक्ष खुश
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शादी तय होने से दोनों परिवार में खुशी का माहौल था। धूमधाम से शादी करने के लिए सभी रिश्तेदार के यहां निमंत्रण दिया गया। इस दौरान अचानक रश्मि के पेट में दर्द होने लगा, जिससे उसकी तबीयत खराब हो गई और परिजन उसे जांजगीर-चांपा जिला मुख्यालय के श्री नर्सिंग होम में लेकर पहुंचे। फिर क्या हुआ... पढ़िए...

जांजगीर-चांपा। यूं तो आपने कई शादियां देखी होंगी, उनमें शामिल भी हुए होंगे। पर क्या कभी अस्पताल में शादी के बारे में सुना है। आज हम आपको ऐसी ही एक शादी के बारे में बता रहे हैं, जो अस्पताल में हुई। दरअसल, वधु अस्पताल में भर्ती है और वर उसे लेने बारात लेकर अस्पताल पहुंच गया। खास बात ये हुई कि, अस्पताल प्रबंधन ने भी शादी की रस्मों को पूरी करने की तैयारी की और बीमार दुल्हन के स्वास्थ्य पर नजर रखते हुए विवाह का रस्म पूरा करवाया और नवदंपत्ति को आशीर्वाद दिया।

अस्पताल... जहां मरीजों का इलाज होता है, वहीं एक मरीज की शादी हुई। बताया जा रहा है कि, कुछ दिन पहले बैजलपुर गांव की रश्मि महंत की सक्ति जिले के परसाडीह गांव के राज दास के साथ रिश्ता तय हुआ। परिवार वालों ने मिलकर 20 अप्रैल को शादी का मुहूर्त निकला था।

दुल्हन की बड़ी आंत में है छेद

शादी तय होने से दोनों परिवार में खुशी का माहौल था। धूमधाम से शादी करने के लिए सभी रिश्तेदार के यहां निमंत्रण दिया गया। इस दौरान अचानक रश्मि के पेट में दर्द होने लगा, जिससे उसकी तबीयत खराब हो गई और परिजन उसे जांजगीर-चांपा जिला मुख्यालय के श्री नर्सिंग होम में लेकर पहुंचे। जहां पता चला कि, रश्मि की बड़ी आंत में छेद है। डॉक्टर ने बताया कि, यदि इसका इलाज न हुआ तो रशिम को खतरा हो सकता है।

वरपक्ष ने दिखाई संवेदनशीलता

वहीं जब रश्मि के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी वर पक्ष को मिली तो राज के परिवार ने रश्मि के इलाज को महत्व देते हुए अस्पताल में भर्ती कराने का निर्णय लिया। इसके साथ ही तय मुहूर्त में शादी करने का फैसला भी लिया, क्योंकि दोनों परिवार के लिए शादी का समय बढ़ाना संभव नहीं था। चूंकि वर के भाई की भी शादी इसी मंडप में होना तय था और सभी रिश्तेदार पहुंच गए थे। इसलिए दोनों परिवारों ने आपसी तालमेल बनाते हुए तय मुहूर्त में ही शादी करने का फैसला लिया और रश्मि का इलाज कराते रहे।

अस्पताल में ही लिए फेरे

सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखकर अस्पताल प्रबंधन से बात कर वर अपनी वधु को लेने बारात लेकर अस्पताल पहुंचा। वहां रीति रिवाजों के साथ वर-वधु ने सात फेरे लिए। मौजूद सभी लोगों ने नवदंपत्ति को आशीर्वाद दिया।


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