बेमौसम की बारिश : किसानों पर दोहरी मार, मौसम विभाग ने दी आगामी 24 घंटों के लिए चेतावनी

रायपुर। बरसात का मौसम छत्तीसगढ़ के किसानों को भारी पड़ने वाला है। धान की कटाई कर रहे किसानों पर फिर बरसात की मुसीबत आई है। प्रदेश के रायपुर सहित अधिकांश जिलों में रविवार-सोमवार की रात हल्की से मध्यम बरसात हुई। ओले गिरे। महासमुंद में आकाशीय बिजली गिरने से एक बुजुर्ग घायल हो गए। बताया जा रहा है, अगले 24 घंटों में भी बरसात के आसार बने हुए हैं।
मौसम विज्ञानियों ने बताया, इस समय एक गहरा निम्न दबाव का क्षेत्र अब दक्षिण-पूर्व अरब सागर और पूर्वी-मध्य अरब सागर के ऊपर बना हुआ है। इससे जुड़ा एक चक्रवाती घेरा (Troposphere) स्तर तक फैला हुआ है। यहां से महाराष्ट्र तट तक एक द्रोणिका बनी है। दक्षिण अंडमान सागर और आसपास के इलाकों में चक्रवाती हवाओं का व्यापक असर है। इसके प्रभाव से पिछले 24 घंटों के दौरान, छत्तीसगढ़ और तटीय आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हुई है। कुछ स्थानों पर भारी बरसात की भी बात बताई जा रही है। छत्तीसगढ़ के उत्तरी हिस्सों, पूर्वी मध्य प्रदेश, तटीय कर्नाटक के कुछ हिस्सों, उत्तरी तटीय तमिलनाडु और मध्य महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई है। बताया जा रहा है, अगले 24 घंटों के दौरान, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु और तटीय आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक दो स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। इस बरसात के प्रभाव से प्रदेश के रायपुर, गरियाबंद, धमतरी, महासमुंद, कांकेर जिलों में धान को बड़ा नुकसान पहुंचा है। धान की फसल गिर गई है। बालियां पानी में डूब गई हैं। काटकर खेतों में सूखने के लिए रखी फसल भी डूबी है। इससे किसानों को भारी नुकसान की आशंका बन रही है।
महासमुंद के छिपियापार में आकाशीय बिजली गिरने से एक बुजुर्ग घायल हो गये हैं। बताया जा रहा है, 65 वर्षीय शोभा मारकंडे अपने घर के बाहरी दरवाजे पर खड़े थे। अचानक उनके पास ही आकाशीय बिजली गिरी। उसकी चपेट में आकर वे घायल हो गये। उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इस बरसात से किसानों पर दोहरी मार पड़ी है। पिछली बरसात में भीग चुकी फसल को बचाने के लिए वे धान को सुखा रहे थे। अब अचानक हुई बरसात में वह फिर से भीग गया। ऐसे में उसकी मिंजाई संभव नहीं हो पाएगी। मिंजाई कर खलिहानों और घर के आंगन में सुखाया जा रहा धान भी भीगने से खराब हो सकता है। वह अंकुरित हो सकता है अथवा उसकी गुणवत्ता प्रभावित होगी। ऐसे में किसानों में दोहरी मार को लेकर मायूसी भी है।
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