यूपी के किसान को छत्तीसगढ़ के एम्स में मिला नया जीवन, पत्नी से मिली किडनी की गई प्रत्यारोपित

यूपी के किसान को छत्तीसगढ़ के एम्स में मिला नया जीवन, पत्नी से मिली किडनी की गई प्रत्यारोपित
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अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (All India Institute of Medical Sciences)में पिछले सात गुर्दा प्रत्यारोपण छत्तीसगढ़ से संबंधित थे। पहली बार यूपी से आए मरीज की किडनी का ट्रांसप्लांट छत्तीसगढ़ एम्स के चिकित्सकों ने किया। पढ़िए पूरी खबर...

रायपुर। शासकीय अस्पताल एम्स (Government Hospital AIIMS)में प्रारंभ हुई किडनी प्रत्यारोपण (kidney transplant) की सुविधा का लाभ अब दूसरे राज्य के मरीजों को भी मिलने लगा है। उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh)के किसान को छत्तीसगढ़ एम्स में ट्रांसप्लांट के माध्यम से नया जीवन मिला। किसान (farmer's)की पत्नी ने अपना धर्म निभाते हुए उसे अपनी एक किडनी दी, प्रत्यारोपण केबाद दोनों स्वस्थ हैं।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (All India Institute of Medical Sciences)में पिछले सात गुर्दा प्रत्यारोपण छत्तीसगढ़ से संबंधित थे। पहली बार यूपी से आए मरीज की किडनी का ट्रांसप्लांट छत्तीसगढ़ एम्स के चिकित्सकों ने किया। जानकारी के मुताबिक चित्रकूट निवासी 48 वर्षीय किसान की दोनों किडनी खराब हो गई थीं। प्रत्यारोपण के अलावा जीवन बचाने किसान के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं था। इलाज के लिए वह अप्रैल माह में नेफ्रोलॉजी विभाग में पहुंचा था, जहां शुरुआती दौर में उसे हर दूसरे दिन डायलिसिस की आवश्यकता पड़ रही थी। चिकित्सकों ने उसकी गंभीर स्थिति को ध्यान में रखते हुए ट्रांसप्लांट की सलाह दी थी। विभिन्न तरह की जांच प्रक्रिया के बाद उसकी पत्नी की किडनी मैच कर गई।

पांच मरीज प्रतीक्षा में

नेफ्रोलॉजी विभाग के डॉ. विनय राठौड़ ने बताया कि दूसरे राज्यों के किडनी रोगी भी प्रत्यारोपण के लिए एम्स में संपर्क कर रहे हैं। पांच मरीज प्रत्यारोपण के लिए अपनी बारी आने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इनमें दो मरीजों की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। कुछ दिनों में उनका किडनी प्रत्यारोपण कर दिया जाएगा। वहीं तीन मरीजों के किडनी ट्रांसप्लांट को सोटो से अनुमति मिलने का इंतजार हैं।

ब्रेनडेड स्टाफ भी कर चुकी हैं अंगदान

एम्स में ब्रेनडेड मरीज से मिली किडनी और नेत्र का प्रत्यारोपण जरूरतमंद मरीज को किया जा चुका है। अंगदान करने वाली ब्रेनडेड मरीज एम्स की नर्सिंग स्टाफ थी। इसे मिलाकर अब तक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में आठ मरीजों को किडनी प्रत्यारोपण की सुविधा दी जा चुकी है। अंग प्रत्यारोपण करने वाला एम्स छत्तीसगढ़ का पहला शासकीय संस्थान हैं।


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