युवती की मौत पर अस्पताल में हंगामा : नाराज परिजनों ने कहा- घर से ठीक हालत में आई थी, इंजेक्शन लगाते ही हो गई मौत...

जशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के जिला अस्पताल में इलाज के दौरान 25 वर्षीय एक शादीशुदा युवती की मौत होने पर बवाल हो गया। परिजनों ने हॉस्पिटल में जमकर हंगामा किया और आरोप लगाया कि डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन ने लापरवाही बरती है। उनका कहना है कि इंजेक्शन लगाने के बाद ही युवती की मौत हो गई।
मलेरिया और टाइफाइड की रिपोर्ट निगेटिव
मिली जानकारी के अनुसार भागलपुर निवासी प्रभा नायक को बुधवार को सुबह करीब 10 बजे जिला अस्पताल के जनरल वार्ड में बुखार की शिकायत में भर्ती किया गया था। यहां भर्ती करने पर उसकी मलेरिया और टाइफाइड की रिपोर्ट निगेटिव आई। इसके बाद उसका उपचार चल रहा था। परिजनों का कहना है कि रात्रिकालीन ड्यूटी में पंहुचे डॉ बीके अग्रवाल के कहने पर नर्स ने इंजेक्शन दिया था। इसके बाद युवती की हालत बिगड़ने लगी। घबराहट होने लगी और सांस लेने में प्रभा को दिक्कत होने लगी। इस पर परिजनों ने डॉ. अग्रवाल को भी इसकी सूचना दी, लेकिन डॉक्टर ने उन्हें डांटकर वहां से जाने को कह दिया। वो मरीज को भी देखने नहीं पहुंचे। उसके आधे घंटे बाद युवती की मौत हो गई थी।
सुबह खुद आई थी अस्पताल
इसके बाद युवती की मौत से नाराज परिजन अस्पताल में जमकर हंगामा करने लगे। उनका कहना था कि वह सुबह ठीक थी, उसने घर का काम भी किया था, खुद अस्पताल आई थी, अब अचानक से उसकी मौत हो गई थी। परिजनों ने अपने गांव वालों को इस घटना की जानकारी दी। इसके बाद गांव के सभी लोग अस्पताल पहुंच गए। फिर मुआवजे की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगे। काफी देर तक ये हंगामा चलता रहा।
कलेक्टर ने दिया कार्रवाई करने का आश्वासन
मामले की जानकारी मिलने पर जशपुर तहसीलदार विकास जिंदल, एसडीएम और एसडीओपी राजेन्द्र सिंह परिहार मौके पर पहुंचे। उन्होंने परिजनों को समझाइश दी और कार्रवाई का आश्वासन दिया। लेकिन परिजन इनकी बात मानने को तैयार नहीं हुए। फिर किसी तरह से रात को ही कलेक्टर से बात करवाई गई। इसके बाद परिजनों का हंगामा शांत हुआ। कलेक्टर ने कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
परिनजों ने कहा- कार्रवाई नहीं हुई तो करेंगे प्रदर्शन
वहीं इस मामले में आरोपों से घिरे डॉ. अग्रवाल का कहना है कि पेशेंट सीरियस थी, लिहाजा उन्होंने फिजिशियन बुलाने समेत आईसीयू में शिफ्ट करने के लिए कहा था। लेकिन परिनजों का कहना है कि युवती को आईसीयू में भेजा ही नहीं गया। उनका कहना है कि अगर इस मामले में सही कार्रवाई नहीं हुई तो हम आगे भी प्रदर्शन करेंगे।
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