पुलिस हिरासत में अधेड़ की मौत पर बवाल : शराब दुकान के बाहर से पकड़कर ले गई पुलिस, कुछ ही देर बाद परिजनों को दी गई मौत की सूचना... पूरा शहर आक्रोशित

यशवंत गंजीर-कुरुद। कथित रूप से अवैध शराब (illicit liquor)बेचने के आरोप में पकड़े गए एक अधेड़ की पुलिस (police)अभिरक्षा में मौत हो गई। जिस पर परिजनों एवं नगरवासियों ने पुलिस पर निर्दोष व्यक्ति को जबरन पकड़कर प्रताड़ित करने और उसकी हत्या करने का गंभीर आरोप लगाते हुए नेशनल हाइवे जाम (national highway jam)कर धरने पर बैठ गये।
मामला धमतरी जिले अंतर्गत कुरुद थाना क्षेत्र का है। सूत्रों के अनुसार बीती रात करीब 7 बजकर 40 मिनट पर वार्ड 2 कुरुद निवासी शिवचरण चक्रधारी को कुरुद पुलिस ने चर्रा रोड में शराब भट्ठी के पास अवैध शराब रखने के कथित आरोप में हिरासत में लेकर थाना पहुंचे। जिसकी थाने में कुछ घण्टे बाद मौत हो गई। इस बात की सूचना परिजनों को रात 10:30 बजे दिया गया। सूचना पाकर परिजन जब थाना पहुंचे तो शिवचरण की लाश पोस्टमार्टम के लिए धमतरी ले जाया गया था।
पुलिस अभिरक्षा में एक नगरवासी की मौत की खबर सुबह तक पूरे नगर में फैल गई और परिजनों के साथ भाजपा-कांग्रेस के लोग पुलिस थाने के सामने धरने पर बैठ गये। बावजूद पुलिस कुछ कह पाने में असमर्थ दिखाई दी। पुलिस के इस रवैये से आक्रोशित भीड़ ने टीआई की बर्खास्तगी की मांग एवं परिजनों को उचित मुआवजे के साथ न्याय दिलाने की मांग को लेकर देखते ही देखते नेशनल हाइवे 30 पर पहुंचकर चक्काजाम कर दिया। जहां पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, जिसको देखकर पुलिस प्रशासन को बाहर से अतिरिक्त पुलिस बल बुलानी पड़ी। इधर परिजनों ने दोषी पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारीयो के ऊपर तत्काल कारवाई करने की मांग करते हुये पुलिस अधीक्षक, गृहमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है।
दोषी पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों की बर्खास्तगी हो
मृतक के भाई संतोष चक्रधारी ने बताया कि, उसके भाई की कुरुद पुलिस की प्रताड़ना से मौत हुई है। मृतक अपने परिवार का अकेला कमाऊ व्यक्ति था। उनके परिवार में पत्नी के साथ 3 लड़के व लड़कियों के साथ 7 सदस्य हैं जो असहाय हो गये हैं। उन्होंने शासन से मांग की है कि, दोषी पुलिस अधिकारी के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई हो एवं उनके परिवार को न्याय मिले।
परिजनों को दिया जाए 50 लाख का मुआवजा
परिजनों के साथ नेशनल हाइवे पर चक्काजाम को समर्थन देने पहुंचे भाजपा जिला उपाध्यक्ष रविकांत चंद्राकर, विधायक प्रतिनिधि कृष्णकांत साहू ने प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि, इनके संरक्षण में गोली, गांजा और अवैध शराब की बिक्री बेहिसाब हो रही है। विरोध करने पर अपनी खाना पूर्ति की कार्रवाई के लिए पुलिस किसी भी रोड चलते निर्दोष लोगों को शिकार बना प्रताड़ित करती है। इसी के चलते पुलिस की प्रताड़ना से शिवचरण चक्रधारी की मौत पुलिस अभिरक्षा में हुई है, जिसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए। उन्होंने यह भी मांग की है कि, प्रदेश के मुख्यमंत्री उत्तरप्रदेश में जाकर 50 लाख का मुआवजा देते हैं, बात छत्तीसगढ़ के गरीब परिवार की है तो वे आगे आकर इस पीड़ित परिवार को 50 लाख मुआवजा व के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा करें।
विस्तृत व न्यायिक जांच होगी: एसडीओपी
इस सन्दर्भ में एसडीओपी कृष्ण कुमार पटेल ने कहा कि, पूरे मामले की निष्पक्ष व न्यायिक जांच के लिए हमने जिला मजिस्ट्रेट को पत्र लिखा है। उनके संज्ञान में ही पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। पूरे मामले की जांच के बाद जो भी दोषी होगा उन पर कानूनी कार्रवाई करेंगे। पीड़ित पक्ष के मांग पत्र को भी स्वीकार कर शासन को भेजा जा रहा है।
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