नगरीय निकायों ने नहीं दिया ऑडिट आपत्तियों का जवाब, विधानसभा का अल्टीमेटम

नगरीय निकायों ने नहीं दिया ऑडिट आपत्तियों का जवाब, विधानसभा का अल्टीमेटम
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छत्तीसगढ़ के नगरीय निकायों की ऑडिट आपत्तियों के जवाब मांगते-मांगते नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग थक गया, लेकिन जवाब नहीं आए। यही वजह रही कि इन जवाबों को विधानसभा की स्थानीय विकास एवं पंचायती राज लेखा समिति के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया जा सका। इस मामले में विधानसभा सचिवालय ने नगरीय प्रशासन विभाग सचिव को पत्र जारी कर कहा है कि 15 दिन में जवाब दें, समय पर जवाब न मिलने पर अगली बैठक में सचिव को ही बुलाकर साक्ष्य लिया जाएगा।

रायपुर. छत्तीसगढ़ के नगरीय निकायों की ऑडिट आपत्तियों के जवाब मांगते-मांगते नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग थक गया, लेकिन जवाब नहीं आए। यही वजह रही कि इन जवाबों को विधानसभा की स्थानीय विकास एवं पंचायती राज लेखा समिति के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया जा सका। इस मामले में विधानसभा सचिवालय ने नगरीय प्रशासन विभाग सचिव को पत्र जारी कर कहा है कि 15 दिन में जवाब दें, समय पर जवाब न मिलने पर अगली बैठक में सचिव को ही बुलाकर साक्ष्य लिया जाएगा।

सचिव को इस बात की परेशानी होगी

इस मामले को लेकर नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अपर संचालक वित्त अमिताभ शर्मा ने प्रदेश के सभी संयुक्त संचालकों को जारी पत्र में एक शासकीय पत्र का हवाला देते हुए कहा है कि अधीनस्थ कार्यालयों द्वारा प्रकरण को पर्याप्त गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है, जिससे ‌भविष्य में सचिव महोदया को स्थानीय निकाय एवं पंचायती राज लेखा समिति के समक्ष उत्तर प्रस्तुत करने में परेशानी आने वाली है। संयुक्त सचिव द्वारा 7 जुलाई को भेजे गए पत्र में यह बात लिखी गई थी।

लंबित हैं जवाब, अब अंतिम स्मरणपत्र भी

खास बात ये है कि प्रदेश के नगरीय निकायों के स्थानीय निधि संपरीक्षा विभाग यानी लोकल ऑडिट फंड ने 2011-12 से 2017-18 तथा 2018-19 की अवधि में लेनदेन (वित्तीय संव्यवहार) का ऑडिट करने के बाद वार्षिक प्रतिवेदन 2018-19 में तैयार किया।

इस प्रतिवेदन में सामने आई आपत्तियों का जवाब छत्तीसगढ़ शासन के माध्यम से विधानसभा सचिवालय को भेजा जाना है, लेकिन कई बार पत्र जारी करने के बाद भी जवाब नहीं आए तो नगरीय प्रशासन विभाग ने 20 जुलाई को अंतिम स्मरणपत्र भी जारी कर दिया है।

विधानसभा ने कहा- समिति के कार्य में हो रही है देर

इस मामले को लेकर विधानसभा के प्रमुख सचिव चंद्रशेखर गंगराड़े ने नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग की सचिव अलरमेल मंगई डी. को एक पत्र लिखकर कहा है कि ऑडिट आपत्तियों के निराकरण के लिए वांछित जानकारी प्राप्त न होने से समिति का कार्य विलंबित हो रहा है। सचिव से 15 दिन में जानकारी भिजवाने कहा गया है, साथ ही ये भी लिखा गया है कि निर्धारित अवधि में जवाब प्राप्त न होने की स्थिति में समिति की आगामी बैठक में आपका साक्ष्य लिया जाएगा।

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