वीर बाल दिवस : राजभवन में बच्चों का किया गया सम्मान, सम्मानित बच्चों को राज्यपाल ने की सहायता राशि देने की घोषणा

वीर बाल दिवस : राजभवन में बच्चों का किया गया सम्मान, सम्मानित बच्चों को राज्यपाल ने की सहायता राशि देने की घोषणा
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बहादुर बच्चों उन्नति शर्मा, जम्बावती भूआर्य, दुर्गेश सोनकर और सीताराम यादव के साहस और सूझबूझ की प्रशंसा की। राज्यपाल ने कहा कि बच्चों ने संकटग्रस्त समय में परिजनों तथा मित्रों की सहायता के लिए अपने शौर्य का परिचय दिया है। पढ़िए पूरी खबर...

रायपुर। वीर बाल दिवस के अवसर पर राज्यपाल अनुसुईया उइके ने राजभवन में सोमवार को प्रदेश के साहसी वीर बालक और बालिकाओं को सम्मानित किया। इस दौरान राज्यपाल ने सम्मानित चार बहादुर बालक-बालिकाओं को स्वेच्छा अनुदान मद से आर्थिक सहायता राशि प्रदाय करने की बात कही।

इस अवसर पर राज्यपाल ने बहादुर बच्चों उन्नति शर्मा, जम्बावती भूआर्य, दुर्गेश सोनकर और सीताराम यादव के साहस और सूझबूझ की प्रशंसा की। राज्यपाल ने कहा कि बच्चों ने संकटग्रस्त समय में परिजनों तथा मित्रों की सहायता के लिए अपने शौर्य का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि बच्चों के वीरता भरे कार्यों के लिए सदैव स्नेह एवं प्रोत्साहन मिलना चाहिए, ताकि अन्य बच्चे भी उनसे प्रेरित हों। राज्यपाल ने सिविल सेवा सोसायटी द्वारा पुरस्कार के माध्यम से बच्चों का उत्साहवर्धन करने की पहल की सराहना की। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी के तत्वावधान में वीर बाल दिवस कार्यक्रम का आयोजन राजभवन में किया गया था। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी के संयोजक डॅा. कुलदीप सोलंकी व राज्यपाल के विधिक सलाहकार राजेश श्रीवास्तव भी उपस्थित थे।

बच्चों ने ऐसे दिखाया साहस

वीर बाल दिवस के अवसर पर राजभवन में सम्मानित हुए चार बच्चों ने जो साहसिक कार्य किए हैं, वो अत्यंत प्रेरणादायी हैं। राज्यपाल ने बच्चों के साहसिक कार्यों की सराहना की। इन चार बच्चों में से एक रायपुर टिकरापारा की रहने वाली 12 वर्षीय उन्नति शर्मा के मामा के घर में आग लग गई थी। आग लगने के दौरान उसका छोटा भाई घर पर था। इस दौरान उन्नति ने समझदारी दिखाते हुए घर में विद्युत आपूर्ति बंद कर दी और अपने भाई को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। इसी प्रकार दुर्ग के 11 वर्षीय दुर्गेश सोनकर ने साहस का परिचय देते हुए हमलावरों से अपने तीन छोटे भाई-बहनों की जान बचाई। साथ ही निडरता के साथ पुलिस का सहयोग कर अपने परिजनों के हमलावरों को सजा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सिविल सोसायटी के संयोजक डॉ. कुलदीप सोलंकी ने सिविल सोसाइटी की स्थापना के उद्देश्य और गतिविधियों के साथ ही 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में घोषित करने के लिए किए गए सोसायटी के प्रयासों से अवगत कराया। इस अवसर पर अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह कैम्बो ने भी संबोधित किया।

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