तीन दिन की लगातार बारिश से सब्जियों की आवक और उठाव दोनों प्रभावित

राजधानी में पिछले तीन दिनों से हो रही लगातार बारिश का असर थोक सब्जी मंडी पर पड़ा है। एक तरफ जहां मंडियों में प्रदेश सहित दूसरे राज्यों से आने वाले हरी सब्जियों की आवक धीमी पड़ी है। वहीं दूसरी तरफ मंडी से सब्जियों का उठाव भी कमजोर पड़ गया है। इन सबके बीच अच्छी बात यह है कि हरी सब्जियों के थोक व चिल्हर कीमत पर बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ा है।
थोक सब्जी मंडी डूमरतराई के व्यापारियों के मुताबिक वर्तमान में कर्नाटक से टमाटर, महाराष्ट्र से फुल गोभी, बेलगाम से पत्ता गोभी, गुजरात से मुनगा, महाराष्ट्र से हरी मिर्च, इंदौर से गाजर और चुकंदर की आवक हो रही है। बारिश के माैसम के चलते इन राज्यों से आ रहे इन हरी सब्जियों के आवक की मात्रा 30 प्रतिशत तक घट गई है।
थोक सब्जी मंडी डूमरतराई में तीन दिन पहले तक कर्नाटक से टमाटर की रोजाना 20 ट्रक का खेप पहुंच रहा था। राजधानी सहित प्रदेश के अधिकतर जिलों में पिछले सोमवार से लगातार बारिश होने से इसकी मात्रा घटकर 10 ट्रक रह गई है। मुनगा, शिमला मिर्च, फुल गोभी की आवक भी कम हुई है।
इसके साथ ही चिल्हर बाजार में ग्राहक नहीं पहुंचने से थोक मंडियों से सब्जियों का उठाव भी काफी हद तक प्रभावित हुआ है। ऐसे में थोक व्यापारी सब्जियाें का खेप मंगाने को लेकर हिचक रहे हैं। इससे जहां कुछ सब्जियों के कीमत में मामूली गिरावट तो कुछ के दाम में उछाल देखने को मिल रहा है।
हरी सब्जियों के भाव
टमाटर थोक में 20-22, चिल्हर में 25-30, फुल गोभी थाेक में 30-35, चिल्हर मेें 60-80, मुनगा थाेक में 15, चिल्हर 30, हरी मिर्च थोक में 35, चिल्हर 50-60, हरा धनिया थोक में 60-70, चिल्हर में 80-100, करेला थोक में 8, चिल्हर में 20, भिंडी थोक में 12, चिल्हर में 20-25, लौकी थोक में 4-5, चिल्हर में 10, गाजर थोक में 15, चिल्हर में 20, शिमला मिर्च थोक में 40, चिल्हर में 60, भटा थोक में 10, चिल्हर में 20, अरबी थोक में 10, चिल्हर में 20 रुपए प्रति किलो की दर से बिक रहा है।
आलू-प्याज की कीमत स्थिर
भनपुरी थोक आलू-प्याज मंडी के अध्यक्ष अजय अग्रवाल ने बताया, बुधवार को आलू थोक में 11 रुपए व चिल्हर में 20 रुपए तक वहीं प्याज थोक में 20 चिल्हर में 30 रुपए तक बिका है। मंडी में तीन दिन पहले तक 10-10 ट्रक आलू-प्याज की खेप पहुंच रही थी। पर आज 5-5 ट्रक ही पहुंचा है। हालांकि कीमत में इसका कोई फर्क नहीं पड़ा है।
बारिश का असर
बरसात में आमतौर पर दूसरे राज्यों से आने वाले हरी सब्जियों की आवक स्थानीय चिल्हर बाजार में कम उठाव की वजह से घट जाते हैं। पिछले तीन दिनों से लगातार बारिश का असर मंडी में आवक व उठाव पर पड़ा है।
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