दिग्गज भाजपा नेता नंदकुमार साय कांग्रेस में शामिल : राजीव भवन में सीएम बघेल की मौजूदगी में पूरी हुई औपचारिकता

रायपुर। छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ आदिवासी नेता नंदकुमार साय अब कांग्रेसी हो गए। सोमवार की दोपहर लगभग 12 बजे श्री साय कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन पहुंचे। वहां उन्हें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने पार्टी की सदस्यता दिलाई।
उल्लेखनीय है कि रविवार को श्री साय के भाजपा से इस्तीफे के बाद से उनके कांग्रेस प्रवेश की अटकलें लगाई जा रही थीं। हालांकि कल शाम ही कांग्रेस भवन में सुबह साढ़े दस बजे बैठक की खबर आते ही यह तय हो गया था कि यह बैठक नहीं बल्कि नंदकुमार साय के कांग्रेस प्रवेश के लिए आयोजन है। सोमवार की सुबह से ही कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में जोर-शोर से तैयारियां चल रही थीं। नंदकुमार साय के कांग्रेस में शामिल होने से पहले कांग्रेस भवन में मंत्री मोहम्मद अकबर और संसदीय सचिव विकास उपाध्याय भी मौजूद रहे। अचानक साय के इस्तीफे से बीजेपी में हड़कंप मचा हुआ है।
साय ने इस्तीफे में लिखा- मैं आहत हूं
आदिवासी नेता साय ने अपने इस्तीफे में लिखा है, मुझ पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। मेरी गरिमा को लगातार ठेस पहुंचाई जा रही है, जिससे मैं आहत महसूस कर रहा हूं। उन्होंने अपना इस्तीफा स्वीकार करने का आग्रह करते हुए कहा था कि बहुत गहराई से विचार करने के बाद मैंने बीजेपी में अपने सभी पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया।
एमपी और छत्तीसगढ़ में रहे प्रदेश भाजपाध्यक्ष
पांच बार लोकसभा और राज्यसभा के सांसद और तीन बार विधायक रहे साय पूर्व में छत्तीसगढ़ और अविभाजित मध्य प्रदेश दोनों में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। साय ने अपने त्यागपत्र में आरोप लगाया कि उनके सहयोगी साजिश रच रहे थे। और उनकी छवि खराब करने के लिए झूठे आरोप लगा रहे थे। जिससे उन्हें बहुत दुख हुआ।
1977 में तपकरा से पहली बार विधायक बने
बीजेपी के प्रमुख आदिवासी चेहरे श्री साय पहली बार 1977 में मध्य प्रदेश में तपकरा सीट (अब जशपुर जिले में) से जनता पार्टी के विधायक चुने गए थे। वह 1980 में भाजपा की रायगढ़ जिला इकाई के प्रमुख चुने गए। और 1985 में तपकरा से विधायक चुने गए। 1989, 1996 और 2004 में रायगढ़ से लोकसभा सदस्य और 2009 और 2010 में राज्यसभा सदस्य चुने गए। साय 2003-05 तक छत्तीसगढ़ भाजपा अध्यक्ष और 1997 से 2000 तक मध्य प्रदेश भाजपा प्रमुख रहे। नवंबर 2000 में मध्य प्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद वे छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष के पहले नेता बने। साय 2017 में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) के अध्यक्ष बने। देखिए वीडियो-
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