VIDEO: राजधानी में गन्दगी और कचरों के ढेर के बीच सर उठा रहा मलेरिया और डेंगू का खतरा- बाहरी कॉलोनियों में फागिंग भी नहीं..

रायपुर: बुधवार को निगम मुख्यालय में अधिकारियों को सभी वार्डों में मच्छर मारने के लिए फागिंग व एंटी लार्वा अभियान चलाने को कहा गया। किन-किन वार्डों में फागिंग हो रही है, इसकी मानीटरिंग जोन कमिश्नर करेंगे। फागिंग सड़कों और गलियों में फोकस रहेगी।
इन्हीं घने इलाकों में नालियों तथा ठहरे हुए पानी में एंटी लार्वा ट्रीटमेंट बुधवार से ही शुरू किया जाएगा, ताकि मलेरिया के लार्वा खत्म किए जा सकें। जहां तक डेंगू का सवाल है, सितंबर के बाद से ही इसमें गिरावट का दौर है। जहां साफ पानी का जमाव है, वहां एडीस मच्छर पैदा हो रहे हैं। डाक्टरों के मुताबिक सोते समय मच्छरदानी के उपयोग से डेंगू व मलेरिया, दोनों से बचा जा सकता है।
राजधानी में केवल फागिंग पर 55 लाख रुपए के डीजल खर्च पर विपक्षी पार्षदों ने सवाल उठाया है। भाजपा पार्षदों क कहना है कि डीजल वर्कशॉप से जोन कार्यालय व वार्डां तक पहुंचाया गया। ऐसे में फागिंग के समय डीजल कम रह जाता है। फागिंग का भी कोई फायदा नहीं हुआ। एंटी लार्वा ट्रीटमेंट नहीं होने से सभी वार्डों में मच्छर बढ़े हैं। इससे मलेरिया के मरीज भी मिल रहे हैं, डेंगू पर भी कोई नियंत्रण नहीं है।
दरअसल सितंबर अंत के बाद से डेंगू के मरीज कम होने लगे तो सरकारी एजेंसियों ने इसके प्रिवेंशन और मच्छरों पर नियंत्रण की कोशिश धीमी कर दी। नतीजा, अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े से शहर में मच्छर बढ़ने शुरू हुए और नवंबर में बेतहाशा बढ़ गए। इसका असर अब मलेरिया के रूप में नजर आने लगा है। नवंबर में मलेरिया के 20 मरीज मिले हैं, जिनमें 15 दूसरे पखवाड़े के हैं। इसके अलावा, डेंगू के मामले भी खत्म नहीं हुए हैं और पिछले एक माह में 7 नए मरीज मिल चुके हैं। इस खुलासे से हड़बड़ाए नगर निगम ने एक बार फिर फागिंग और एंटी लार्वा अभियान शुरू कर दिया है।
विशेषज्ञों के अनुसार शहर के वार्डों में जितने सफाई कर्मी लगाए जाने चाहिए, ठेकेदार कम लगा रहे हैं और यह बात पकड़ में भी आ रही है। इससे सफाई प्रभावित हो रही है। डेंगू के मच्छर (एडिस) साफ पानी में पैदा होते हैं लेकिन मलेरिया के लार्वा (एनाफिलीस) गंदगी में तेजी से पनपने लगते हैं और राजधानी में इसी वजह से मलेरिया फैलाने वाले मच्छ तेजी से बढ़े हैं। इसलिए मलेरिया के केस मिलने लगे हैं। हालांकि मलेरिया से अब तक एक भी मृत्यु नहीं हुई है।
जहां तक डेंगू का सवाल है, इसके इक्के-दुक्के मरीज मिल रहे हैं। यही कारण है कि जनवरी से अब तक राजधानी में मरीजों की संख्या 500 से ऊपर पहुंच गई है। राहत की बात ये है कि सरकारी आंकड़ों में डेंगू से अभी तक किसी मरीज की मौत नहीं हुई है। हालांकि 3 मौत हुई थी, लेकिन ये रैपिड किट से जांच वाले मरीज थे। देखिए वीडियो..
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS