विधानसभा: शराब पर सदन में हंगामा, विपक्ष ने पूछा- कोरोना टैक्स का उपयोग सामान्य प्रशासन कैसे तय करेगा?

विधानसभा: शराब पर सदन में हंगामा, विपक्ष ने पूछा- कोरोना टैक्स का उपयोग सामान्य प्रशासन कैसे तय करेगा?
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विधानसभा में जब-जब शराब के मसले पर चर्चा हुई है, हंगामा जरूर हुआ है। कभी कभी रोचक टिप्पणियां हुईं, तो कभी ठहाके भी लगे। इस बार भी जब विधानसभा सत्र में पूर्व मंत्री व विधायक अजय चंद्राकर ने शराब का एक मुद्दा उठाया, जो हो-हंगामा और बहिर्गमन के रूप में तब्दील हो गया। पढ़िए पूरी खबर—

रायपुर। विधानसभा सत्र में पूर्व मंत्री व विधायक अजय चंद्राकर ने सवाल किया कि शराब में कोरोना टैक्स क्यों जोड़ा गया है। इसका उद्देश्य क्या है। आसंदी के निर्देश के बाद विभागीय मंत्री कवासी लखमा ने अपने जवाब में इसके आंकड़े बताए।

आपको बता दें कि विभागीय मंत्री कवासी लखमा के जवाब से सदस्य अजय चंद्राकर असंतुष्ट नजर आए। उन्होंने अपना प्रश्न दोहराया और उद्देश्य पूछा। इस पर आंसदी ने मंत्री मोहम्मद अकबर को आबकारी मंत्री कवासी लखमा की ओर से जवाब देने कहा।

अपने जवाब में मंत्री अकबर ने बताया कोरोना टैक्स के रूप में ली जा रही राशि का उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण और अधोसंरचना आदि में व्यय किया जाना है, वैसे राशि अभी व्यय नहीं हुई है।

इस पर सदस्य अजय चंद्राकर और पूरा विपक्ष असंतुष्ट नजर आया। विपक्ष ने सवाल उठाया कि अगर ऐसा है, तो इस राशि को सामान्य प्रशासन विभाग के अंतर्गत गठित मुख्यमंत्री अधोसंरचना उन्नयन एवं विकास प्राधिकरण को क्यों दिया जा रहा है? स्वास्थ्य विभाग को क्यों नहीं? कोरोना टैक्स का उपयोग आखिर सामान्य प्रशासन विभाग कैसे तय करेगा? विपक्ष के सदस्यों ने इसे कोरोना टैक्स के रूप में डकैती कहते हुए सदन का बहिगर्मन किया।

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