विधानसभा सत्र : पीएम चावल योजना पर हंगामा, अग्रवाल बोले- गरीबों का चावल खा गई राज्य सरकार, 5,000 करोड़ का हुआ भ्रष्टाचार

विधानसभा सत्र : पीएम चावल योजना पर हंगामा, अग्रवाल बोले- गरीबों का चावल खा गई राज्य सरकार, 5,000 करोड़ का हुआ भ्रष्टाचार
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बृजमोहन अग्रवाल ने पीएम चावल योजना के मुद्दे पर कहा कि दुर्भाग्य जनक है, प्रश्नों के जवाब देने के बजाय मंत्री हंगामा कर रहे हैं। सरकार के भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए विधायक और मंत्री हंगामा कर रहे हैं। पढ़िए पूरी खबर...

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत निशुल्क चावल वितरण का मुद्दा उठा। भाजपा के पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने पीएम चावल योजना के मुद्दे पर कहा कि दुर्भाग्य जनक है, प्रश्नों के जवाब देने के बजाय मंत्री हंगामा कर रहे हैं। सरकार के भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए विधायक और मंत्री हंगामा कर रहे हैं। विधानसभा अध्यक्ष ने व्यवस्था देने की बात कही थी, लेकिन अभी तक व्यवस्था नहीं आई। प्रश्नकाल में सत्तापक्ष हंगामा करता है, विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है। अग्रवाल ने कहा कि, गरीबों की 5 किलो चावल पिछले 3 सालों से दबाया जा रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार ने चावल खाने का काम किया है। 5,000 करोड़ का भ्रष्टाचार हुआ है। सरकार भ्रष्टाचार का जवाब नहीं दे पा रही है। सरकार की नाकामी को छुपाने के लिए सत्ता पक्ष के ही विधायक हंगामा कर रहे हैं।

नारायणपुर की घटना से जल रहा छत्तीसगढ़

धर्मांतरण के मुद्दे पर बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि नारायणपुर की घटना से बस्तर समेत छत्तीसगढ़ जल रहा है। धर्मांतरण पर सरकार चर्चा करने के लिए तैयार नहीं है। नारायणपुर में जो हुआ एक्शन का रिएक्शन है, संगठित विरोध है। सरकार धर्मांतरण को बढ़ावा दे रही है। मुख्यमंत्री का काम है सेवा करना है ना कि प्रदर्शन करना। विधानसभा की जो भाषा है वह हिंदी है, मंत्री को जिस चीज का जवाब नहीं देना रहता है, उस पर अंग्रेजी बोलने लगते हैं।

प्रदेश में लगा अघोषित आपातकाल : चंद्राकर

वहीं धर्मांतरण पर पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि, अघोषित आपातकाल छत्तीसगढ़ में लग गया है। सरकार के संरक्षण में नारायणपुर में धर्मांतरण हो रहा है। किस अधिकार से राज्यपाल से इस्तीफा मांग सकते हैं। संवैधानिक रूप से सरकार विफल हो चुकी है। दोनों घटनाओं के विरोध में काली पट्टी बांधकर आए हैं, जब तक विधानसभा सत्र चलेगी तब तक डाटा को प्रस्तुत करने की मांग करेंगे। सरकार कुछ ना कुछ छिपाना चाहती है, आपातकाल छत्तीसगढ़ में लगा हुआ है।

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