ग्राम रोजगार सहायकों का राजधानी में धरना प्रदर्शन, ये की मांग

ग्राम रोजगार सहायकों का राजधानी में धरना प्रदर्शन, ये की मांग
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प्रदेशभर के 1100 ग्राम रोजगार सहायक अपनी 3 सूत्रीय मांगों को लेकर लामबंद हैं। 13 साल से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के साथ राज्य शासन द्वारा दिए जाने वाले सभी कार्य, दायित्व को पूरा करने वाले ग्राम रोजगार सहायकों ने बूढ़ापारा स्थित धरनास्थल पर सोमवार को प्रदर्शन किया।

प्रदेशभर के 1100 ग्राम रोजगार सहायक अपनी 3 सूत्रीय मांगों को लेकर लामबंद हैं। 13 साल से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के साथ राज्य शासन द्वारा दिए जाने वाले सभी कार्य, दायित्व को पूरा करने वाले ग्राम रोजगार सहायकों ने बूढ़ापारा स्थित धरनास्थल पर सोमवार को प्रदर्शन किया। आंदोलनरत कर्मचारियों ने ग्रेड-पे निर्धारण कर नियमितीकरण करने की मांग को लेेकर आवाज बुलंद की।

छत्तीसगढ़ ग्राम रोजगार सहायक संघ के अध्यक्ष चंद्रशेखर वर्मा, मीडिया प्रभारी जगदेव कंडरा ने संयुक्त से बताया, राजधानी में धरना-प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव के नाम ज्ञापन सौंपा जा रहा है। यदि उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो प्रदेशभर के ग्राम रोजगार सहायक 15 दिसंबर को राजधानी रायपुर में प्रदेश स्तरीय धरना देंगे। इस मौके पर रैली निकाली जाएगी और शासन का ध्यान अपनी मांगों के प्रति आकर्षित करने जुटेंगे।

अल्प मानदेय से गुजारा नहीं

चंद्रशेखर वर्मा का कहना है, ग्राम रोजगार सहायकों को, जिनकी सेवा अवधि 5 वर्ष से कम है, उन्हें 5 हजार रुपए मासिक मेहनताना, 5 साल से ऊपर कार्य करने वालों को 6 हजार रुपए मानदेय दिया जा रहा है, जो बढ़ती महंगाई को देखते हुए बेहद कम है। पूर्व में भी धरना-प्रदर्शन कर ग्राम रोजगार सहायकों ने शासन का ध्यान आकर्षित कराया, पर उनकी मांगें नहीं मानी गईं। एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर पुन: अपनी बात शासन तक पहुंचाने राजधानी में जुटे हुए हैं।

प्रमुख मांगें

ग्रेड-पे निर्धारण कर नियमितीकरण किया जाए।, जिन ग्राम पंचायत को नगर निगम, नगर पंचायतों में शामिल किया जा रहा है, वहां के रोजगार सहायक को नगर निगम, नगर पंचायत में सेवा पर रखा जाए।, ग्राम रोजगार सहायकों की सचिव पद पर वरीयता के आधार पर सीधी भर्ती की जाए एवं ग्राम रोजगार सहायकों को सहायक सचिव घोषित किया जाए।

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