राष्ट्रपति से उद्घाटन कराने को लेकर छिड़ी जंग : मूणत बोले- राहुल गांधी और सोनिया गांधी के बिना देश अधूरा है क्या ?

रायपुर- नए संसद भवन का उद्घाटन पीएम मोदी की तरफ से किया गया, जिसको लेकर छत्तीसगढ़ में काफी दिनों से विरोध की स्थिति चल रही है। कांग्रेस लगातार भाजपा पर प्रहार करते हुए कह रही है कि, नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से करवाना चाहिए। कांग्रेस नेता विनोद तिवारी के कहने पर छत्तीसगढ़ के तेलीबांधा तालाब में युवा जल सत्याग्रह पर उतर आए। वहीं अब इस पर आपत्ति जताते हुए पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने कहा कि, अग्रेज़ों के बाद गांधी परिवार ने देश का ठेका लिया है क्या? अगर बाकी कोई राजनेता देश के लिए काम करता है, तो कांग्रेस के पेट में दर्द क्यों होता है। पूर्व मंत्री मूणत ने कहा कि, राहुल गांधी और सोनिया गांधी के बिना देश अधूरा है क्या? साथ ही कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश की सेवा के लिए जनता ने चुना हैं। तो फिर पार्लियामेंट भवन के उदघाटन पर कांग्रेस को इतनी दिक्कत क्यों हो रही है।
9 साल पूरे होने के सवालों का दिया जबाव...
पूर्व मंत्री मूणत ने कांग्रेस सरकार के 9 सवाल पूछे जाने पर कहा कि, अपने आचरण और व्यवहार को कांग्रेस पार्टी सुधारें, पीएम मोदी ने तो देश का मान और सम्मान बढ़ाया है। 1984 के दंगों को भारत अब तक भूला नहीं है। इमरजेंसी को भी हिंदुस्तान याद रखता है। इसके अलावा कोरोना काल में पूरे परिवार को मुफ्त में अनाज देने का कार्य भाजपा ही कर सकती है।
राष्ट्रपति के हाथों उद्घाटन न करवाना...बेहद शर्मनाक- तिवारी
कांग्रेस नेता विनोद तिवारी ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि, चुनाव जीतने ओर वोट का लाभ उठाने के लिए खुद उद्घाटन किया है। नए संसद भवक की नींव रखते वक्त भी राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को नहीं बुलाया गया था और अब नए संसद भवन के उद्घाटन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी को आमंत्रित नहीं किया गया। यह बहुत शर्मनाक है, संसद भवन तो लोकतंत्र का मंदिर माना जाता है। तो क्या इस भवन का उद्घाटन महामहिम के हाथों नहीं करवाना चाहिए। जब पूरे देश मे इस बात की मांग उठ रही है कि, नए सांसद भवन का उद्धघाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों होना चाहिए, फिर ऐसा क्यों नहीं किया जा रहा।
संवैधानिक शक्ति राष्ट्रपति के पास है...फिर पीएम ने उद्घाटन क्यों किया
कांग्रेस नेता विनोद तिवारी ने भाजपा पर वार करते हुए कहा कि, संविधान के तहत, भारत संघ की कार्यकारी शक्ति राष्ट्रपति के पास है। अनुच्छेद 53 से यह स्पष्ट हो जाता है कि, यह अधिकार भारत के राष्ट्रपति के अधीन है। जिसमें पीएम भी शामिल है। अनुच्छेद 299 के आधार पर जिस पर भारत सरकार हस्ताक्षर करता है, वो राष्ट्रपति के नाम पर होना चाहिए। इसलिए नए संसद भवन के निर्माण का हर काम राष्ट्रपति के हाथों होना चाहिए।
कांग्रेस का जल सत्याग्रह...
नए संसद भवन के उद्घाटन को राष्ट्रपति से नहीं करवाने की वजह से विपक्ष नेताओं ने कहा कि, यह राष्ट्रपति का अपमान हैं। इसी मसले को लेकर आज नेता विनोद तिवारी के नेतृत्व में कांग्रेसी तेलीबांधा तालाब में विरोध प्रदर्शन करते हुए नजर आ रहे हैं। इस सभी ने आज सुबह 11 बजे तेलीबांधा तालाब में जल सत्याग्रह किया। इस दौरान कई युवा घंटों तक पानी में खड़े रहे और नारे लगाते हुए दिखाई दिए।
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