देखिए वीडियो : SDM और CEO पहली बार पहुंचे इस नक्सल प्रभावित गांव में, रास्ता इतना कठिन कि लौटते ही बोले- सबसे पहले यहाँ सड़क बनवाएंगे

देखिए वीडियो : SDM और CEO पहली बार पहुंचे इस नक्सल प्रभावित गांव में, रास्ता इतना कठिन कि लौटते ही बोले- सबसे पहले यहाँ सड़क बनवाएंगे
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बहरहाल अब देखने वाली बात होगी कि नक्सल भय के बीच जीवन यापन कर रहे ग्रामीणों की समस्या भांपने पहुँचे अधिकारी सड़क का काम कराने में सफल हो पाते हैं, या फिर चुनचुना और पुंदाग गाँव के ग्रामीणों को विकास के लिए और इंतजार करना होगा.

घनश्याम सोनी. बलरामपुर. बलरामपुर जिले में नक्सल खौफ़ की वजह से ही आज तक जिस गांव का विकास नहीं हो पाया उस नक्सल प्रभावित गांव चुनचुना और पुंदाग का जनपद पंचायत सीईओ और एसडीएम ने बीते दिनों दौरा किया. करीब 12 किलोमीटर दुर्गम पहाड़ी रास्तों में दुपहिया वाहन से सफर तय कर पहली बार एसडीएम और जनपद सीईओ ग्रामीणों के बीच पहुँचे और यहां विकास के संभावनाओं को देखते हुए उन्होंने प्लानिंग की. अब ग्रामीणों को उम्मीद है कि उनके गांव का विकास हो पाएगा.

दुर्गम पहाड़ी रास्ते और मन में नक्सलवाद का खौफ, लेकिन काम करने का यदि जज्बा हो तो कठिन रास्ते भी आसान हो जाते हैं. जिन रास्तों पर पैदल चलना भी दूभर हो वहां 12 किलोमीटर का कठिन सफर तय कर दुपहिया वाहन से जनपद सीईओ और एसडीएम ग्रामीणों के बीच पहुंचे. वो भी उस गांव में जो गाँव नक्सल प्रभावित गाँव है. जी हां हम बात कर रहे हैं कुसमी विकासखंड के अंतिम छोर पर बसे चुनचुना पुंदाग गाँव की. इस गांव तक पहुंच पाना हर किसी के लिए आसान नहीं होता. बंदरचुआँ से चुनचुना पुंदाग तक जाने वाली सड़कों को ही देख लोग वापस लौट जाते हैं. पर जनपद सीईओ रणवीर साय और एसडीएम अजय किशोर लकड़ा ने अपनी ड्यूटी निभाई और वो इस गाँव में पहुँचे. सरपंच ने कहा कि पहली बार एसडीएम और सीईओ गांव पहुंचे हैं अब उम्मीद है कि यहां भी विकास होगा.

दरअसल चुनचुना और पुंदाग गांव में सड़क ही प्रमुख समस्या है. नक्सली साये की वजह से आज तक यहां पर सड़क का विस्तार नहीं हो पाया. इसी वजह से अन्य सरकारी योजनाएं भी यहां नहीं पहुंच पाती हैं. हालांकि ग्रामीणों को राशन पेंशन जैसी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता. गांव में अधिकारियों ने स्कूल का भी दौरा किया. अच्छी बात यह रही कि पहुंचविहीन होने की वजह से भी यहां शिक्षा को लेकर किसी प्रकार की परेशानी नहीं है. जनपद सीईओ रणवीर साय ने कहा कि सड़कों को सुधारना ही पहली प्राथमिकता होगी. एसडीएम ने भी बताया कि मनरेगा के तहत स्वीकृति प्राप्त कर सड़क का काम तत्काल प्रारंभ करवाया जाएगा.

बहरहाल अब देखने वाली बात होगी कि नक्सल भय के बीच जीवन यापन कर रहे ग्रामीणों की समस्या भांपने पहुँचे अधिकारी सड़क का काम कराने में सफल हो पाते हैं, या फिर चुनचुना और पुंदाग गाँव के ग्रामीणों को विकास के लिए और इंतजार करना होगा.




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