जल संकट : जल जीवन मिशन और नल जल योजना की रफ्तार हुई धीमी, चिलचिलाती गर्मी में बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे ग्रामीण

आकाश पवार/पेंड्रा। छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में जल जीवन मिशन और नल जल योजना के तहत घर-घर पीने का पानी पहुंचाने की रफ्तार धीमी हो चुकी है। केंद्र सरकार की यह योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है। इससे अधिकारी और ठेकेदार मिलीभगत कर मालामाल हो रहे हैं और ग्रामीण लोगों के घर-घर पानी पहुंचाने की सारे वादे फेल हो चुके हैं।
दरअसल, जिले में पिछले 2 वर्ष से जल जीवन मिशन और नल जल योजना का कार्य चल रहा है, लेकिन अब गर्मी शुरू होते ही जिले के तेंदूमुड़ा, कटरा, उशाढ़, करहनी, धनपुर, ठाड़पथरा, केंवची, पूटा, बस्तीबगरा, रटगा सहित विभिन्न गांव में जल संकट की समस्या गहराने लगी है। हैंडपंप, कुआं में पानी सूख गए हैं, जिससे ग्रामीण इलाके में पेयजल की गंभीर समस्या बनी हुई है। टैंकर के माध्यम से जल की आपूर्ति की जा रही है, लेकिन वह भी पर्याप्त नहीं है। इससे लोग नदी-नाले से पानी पीने को मजबूर हैं। गर्मी शुरू होते ही नल जल योजना की असली हकीकत अब सामने आने लगी है। ग्रामीण इलाके में नल जल योजना की ओर से चल रहे कार्य में भारी लापरवाही और अनियमितता देखने को मिली है। यहां ठेकेदारों की ओर से घटिया क्वालिटी के पाइप लाइन और नल की टोटी लगाया गया है। कुछ गांव में नल चालू भी किया गया है तो नल की टोटी टूटा हुआ है, जिसे बार-बार बंद चालू करने के लिए लकड़ी और पॉलिथीन का सहारा लेना पड़ रहा है।
पानी की जगह घर-घर पहुंच जाता है कीचड़
गांव में जल जीवन मिशन और नल जल योजना के तहत बनाए गए पानी की टंकी से पानी रिलीज करते ही पूरे गांव में जगह-जगह पाइपलाइन फटकर पानी बहने लगता है। इससे ग्रामीणों को नल के माध्यम से घर पहुंच पानी मिलना तो दूर बल्कि सड़कों में पानी भर जाता है और इसके कारण घर-घर कीचड़ और परेशानी पहुंच जाता है। अब आलम यह है कि लोग जल संकट से जूझने को मजबूर हैं।

जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते नजर आए अधिकारी
केंद्र सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में पानी उपलब्ध कराने के लिए जल जीवन मिशन योजना चला रही है। इसे पूरा करने के लिए सरकार पानी की तरह पैसा बहा रही है, ताकि ग्रामीणों को उनके घरों में ही नल से शुद्ध पानी मिल सके, लेकिन पूरे जिले में गुणवत्ताहीन निर्माण का भुगतान आम लोगों को जल संकट के रूप में भुगतना पड़ रहा है। वहीं इस मामले को लेकर पीएचसी विभाग के अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं, जबकि स्थानीय सांसद और विधायक अधिकारियों को निर्देश देकर कर्तव्यों से किनारा करते हुए नजर आ रहे हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि कब तक जल जीवन मिशन और नल जल योजना के तहत ग्रामीणों के घर तक पीने का पानी पहुंच पाता है।
ठेकेदारों का पेमेंट रोक दें : ज्योत्सना महंत
जल संकट को लेकर सांसद ज्योत्सना महंत ने कहा कि, सभी कलेक्टरों को हिदायते दी गई है कि जब तक काम सही नहीं होता ठेकेदारों का पेमेंट रोक दें। काम जल्द पूरा कराए और फिर गुणवत्ता की जांच के बाद ही ठेकेदारों को पेमेंट हो।देखिए वीडियो-
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