केंद्रीय बजट से छत्तीसगढ़ को क्या मिलेगा : एकलव्य आवासीय विद्यालयों में होगी भर्ती, लगभग चार हजार पद भरे जाने हैं.. मिलेट्स के निर्यात से होगा फायदा

रायपुर। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को आम बजट पेश किया। छत्तीसगढ़ में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर इस बजट से छत्तीसगढ़ के कुछ क्षेत्रों में विकास की नई संभावनाएं बनी हैं। इसमें प्रदेश के आदिवासी जिलों में एकलव्य आवासीय विद्यालयों में नई भर्ती, विशेष संरक्षित जनजातियों के लिए शुरू हुए नए मिशन और मिलेट निर्यात को बढ़ावा देने की नीति का समावेश है।
विदित हो कि छत्तीसगढ़ का बड़ा हिस्सा आदिवासी बहुल है। यहां के 24 जिलों में 73 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय हैं। इन स्कूलों के जरिये आदिवासी बच्चों को नि:शुल्क पढ़ाई और आवास की सुविधा दी जाती है। केंद्रीय बजट में देश भर के ऐसे विद्यालयों में 38 हजार 800 शिक्षकों और सहायक कर्मियों की भर्ती होनी है। छत्तीसगढ़ के इन स्कूलों में करीब 4 हजार पद रिक्त हैं। बजट घोषणा से उम्मीद बढ़ी है कि इस साल इन रिक्त पदों पर भर्तियां पूरी हो जाएंगी। इसका लाभ रोजगार की तलाश कर रहे युवाओं और वहां पढ़ने वाले बच्चों को भी मिलेगा।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विशेष संरक्षित जनजातियों के विकास के लिए प्रधानमंत्री पीवीटीजी डेवलपमेंट मिशन की घोषणा की है। इसके तहत अगले तीन साल तक 15 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाना है। प्रदेश में इन विशेष संरक्षित जनजातियों में बैगा, पहाड़ी कोरबा, अबूझमाड़िया, कमार और बिरहोर की अच्छी खासी आबादी है। इस मिशन से इस आबादी को पक्का आवास, पेयजल, सड़क, बिजली और सतत आजीविका के साधन दिए जाने हैं।
कम पानी वाली फसलों का उत्पादन बढ़ाने होगा प्रयास
केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट में इस बार मिलेट को बढ़ावा देने बड़े पैकेज की घोषणा की है। उन्होंने कहा, देश को मिलेट का हब बनाया जाएगा। मिलेट उत्पादों को विदेशों में निर्यात करने प्रोत्साहित किया जाएगा। छत्तीसगढ़ में पिछले तीन-चार सालों में मिलेट फसलों कोदो-कुटकी-रागी आदि का उत्पादन बढ़ा है। यहां कोदो की खरीदी 30 रुपए प्रति किलो, कुटकी की खरीदी 31 रुपए और रागी की खरीदी 35.78 रुपए प्रति किलो की दर से हो रही है। अब तक सरकार 5 करोड़ 60 लाख रुपए मूल्य की 18 हजार 328 क्विंटल कोदो, कुटकी और रागी की खरीदी कर चुकी है। केंद्र सरकार का प्रोत्साहन बढ़ा तो कम पानी वाले इलाकों में इस फसल का रकबा बढ़ेगा। इसके साथ ही अर्थव्यवस्था की धान पर निर्भरता कम होगी।
सिकलसेल एनिमिया खत्म करने का लक्ष्य
केंद्रीय बजट में साल 2047 तक सिकलसेल एनिमिया को खत्म करने का मिशन हाथ में लिया है। छत्तीसगढ़ की बड़ी आबादी इस बीमारी से ग्रस्त है। इसके खिलाफ लड़ाई में राज्य सरकार को केंद्र से बड़ी मदद मिल सकती है।
5G एप बनने देश में 100 प्रयोगशालाएं शुरू होगी
केंद्रीय बजट में 5G एप बनाने के लिए देश भर में 100 प्रयोगशालाएं शुरू करने की बात हुई है। प्रयोगशालाएं इंजीनियरिंग संस्थानों में खोली जाएंगी। छत्तीसगढ़ में फिलहाल तीन बड़े संस्थान हैं। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान भिलाई-IIT, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर-NIT और भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान नवा रायपुर – IIIT में से कम से कम दो में ऐसी प्रयोगशालाओं की संभावनाएं दिख रही हैं।
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