कब पहुंचेगा... हर घर तक नल से जल : ठेकेदारों और अफसरों की लापरवाही जारी है... ग्रामीण बूंद-बूंद पानी को तरस रहे

कब पहुंचेगा... हर घर तक नल से जल : ठेकेदारों और अफसरों की लापरवाही जारी है... ग्रामीण बूंद-बूंद पानी को तरस रहे
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सूरजपुर में इन दिनों गर्मी की तपिश से लोगों का बुरा हाल है, ऐसे में पानी की बूंद-बूंद के लिए ग्रामीण मोहताज़ है। सरकार की महत्वपूर्ण नल जल योजना इस जिले में सिर्फ कागजों में संचालित हो रही है। पढ़िए पूरी खबर....

नौशाद अहमद-सूरजपुर। छत्तीसगढ़ के सूरजपुर में इन दिनों गर्मी की तपिश से लोगों का बुरा हाल है, ऐसे में पानी की बूंद-बूंद के लिए ग्रामीण मोहताज़ है। सरकार की महत्वपूर्ण नल जल योजना इस जिले में सिर्फ कागजों में संचालित हो रही है।

नल है मगर पानी नहीं यह कहानी है..., सूरजपुर जिले के कई गांवों की जहां के ग्रामीण आज भी आधुनिकता के युग में बूंद बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं..., कहने को प्रशासन ने कागजों पर नल जल योजना की एक तस्वीर उकेरी हुई है ..., लेकिन जमीनी स्तर की सच्चाई ठीक इसके विपरीत अपनी कहानी बयां कर रही है..., यहां नल की टोटी में से ना तो हवा बाहर आ रही है और ना ही पानी..., आलम यह है कि ग्रामीणों को पानी के लिए रोजाना दो चार होना पड़ रहा है।

दरअसल सूरजपुर जिले में गांव-गांव तक शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए सरकार द्वारा नल जल योजना के लिए पीएचई विभाग द्वारा संचालित की जा रही है, जिसके लिए करोड़ों रुपए की लागत से पीएचई विभाग ने कई गांवों को चिन्हांकित करते हुए पाइप लाइन बिछाकर वाटर टैंक लगा दिया पर, वर्षों बीत जाने के बाद भी आज यह नल जल योजना सिर्फ शोपीस बनकर जिले के गांव में सुशोभित हो रही है।

जिले में योजना सिर्फ कागजों में

जब भी नल जल योजना की बात की जाती है, तो मन में एक सुंदर तस्वीर शुद्ध पेयजल की निकलकर सामने आती है, परंतु सूरजपुर जिले में आधिकारिक और ठेकेदारों की लापरवाही के कारण आज यह योजना सिर्फ कागजों तक ही सिमट कर रह गई है। ग्रामीण रोजाना शुद्ध पेयजल के लिए कई किलोमीटर का सफर तय कर रहे हैं। रोजमर्रा की जरूरतों के लिए या तो यह लोग ढोड़ी के गंदे पानी का उपयोग करते हैं या फिर किसी कुएं से पानी लेकर अपने घर आते हैं। पानी भरने के लिए लगी लंबी कतारों को देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है, कि सूरजपुर जिले में नल जल योजना होने के बावजूद जल संकट किस कदर गहराया हुआ है। बच्चों से लेकर बड़ों तक पानी के लिए हाथ में बर्तन लिए सुबह से ही जद्दोजहद में जुट जाते हैं, ताकि उनके परिवार वालों को दो बूंद पानी नसीब हो सके|

जहां पाइप लाइन बिछायी गई वहां टंकी नहीं, अधिकांश जगहों में अधूरा काम

जिले में पानी की समस्या को लेकर जिला पंचायत की अध्यक्ष राजकुमारी मराबी और प्रदेश महामंत्री आदिवासी कांग्रेस शिव भजन मरावी ने नवपदस्थ कलेक्टर संजय अग्रवाल से मुलाकात कर समस्याओं के निराकरण करने के साथ दोषी ठेकेदारों पर कार्यवाही की मांग की है। उन्होंने बताया कि जितने गांव में भी पीएचई के ठेकेदार नल जल योजना के तहत पाइप लाइन लगाएं हैं, उसमें से कुछ जगहों पर टंकी नहीं लगी है, ना ही कुछ जगह पर पाइप लाइन विस्तार का काम अब तक नही हो सका है, जिसे लेकर उनके द्वारा कलेक्टर से मुलाकात की गई है, जल्द ही पानी की समस्या का निराकरण हो जाएगा, ऐसा आश्वासन कलेक्टर ने उनको दिया है।

जिले में अधिकारियों और ठेकेदारों की लापरवाही अनियमितता की भेंट चढ़ रही

कहा जाता है जल ही जीवन है..., जल के बिना जीवन की परिकल्पना नहीं की जा सकती और गर्मी की तपिश में किसी भी इंसान के लिए पानी एक अहम जरूरत होती है, लेकिन जिले में अधिकारियों और ठेकेदारों की लापरवाही के कारण आज सरकार एक अच्छी योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़कर जिले में रह गई है। गर्मी की तपिश में जहां पारा 42 डिग्री के ऊपर जा पहुंचा है, ऐसे में जरूरत है जिले के आला अधिकारियों को जमीन पर उतर कर सच्चाई को देखने की, ताकि किसी भी ग्रामीणों को बूंद-बूंद पानी के लिए मोहताज ना होना पड़े।

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