कहां गए नवनिर्वाचित पार्षद? गोपनीय स्थानों में पार्षदों के मोबाइल बंद करा दिए गए

रायपुर: छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव का परिणाम आने के बाद कांग्रेस अपने बहुमत वाले नगर निगमों और नगरपालिका के पार्षदों को अज्ञातवास में रखकर तोड़फोड़ से बचाने का प्रयास कर रही है। पहले सभी पार्षदों को पड़ोसी राज्यों में ले जाने की तैयारी थी। ओमिक्राॅन के चलते पार्षदों को छत्तीसगढ़ के पर्यटक स्थलों और होटलों में ही रखा गया है। अपने पार्षदों के अलावा निर्दलीय पार्षदों को भी साथ ले जाया गया है। इन पार्षदों को सिरपुर, बारनवापारा और राजधानी के बेबीलॉन होटल में ही रखा गया है। छत्तीसगढ़ के 4 नगर निगमों में कांग्रेस की बढ़त के बाद अब यहां पर एमआईसी गठन की तैयारी शुरू हो गई है।
तोड़फोड से दूर रहने कांग्रेस ने रणनीति बनाई
कांग्रेस ने पर्यवेक्षक नियुक्त कर सभी पार्षदों से रायशुमारी करने का जिम्मा सौंपा है। इधर जिन स्थानों पर कांग्रेस बहुमत से दूर है, वहां पर कई निर्दलियों को अपनी ओर मिलाने के बाद भी किसी भी तोड़फोड से दूर रहने कांग्रेस ने रणनीति बनाई है। परिणाम आने के बाद शुक्रवार को ही स्पेशल बसों से सभी को ले जाया गया। पहले यह योजना बनाई गई थी कि पड़ोसी राज्य ओडिशा और मध्यप्रदेश में उन्हें रखा जाए। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए उन्हें राज्य में ही रखने का निर्णय लिया गया। गोपनीय स्थानों में पार्षदों के मोबाइल बंद करा दिए गए हैं। वहां पर उन्हें किसी से मिलने नहीं दिया जा रहा है।
सिरपुर और बेबीलॉन में भी पार्षद
रिसाली और चरोदा के पार्षदों को बेबीलॉन होटल में ठहराने की जानकारी सामने आई है। यहां पर उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच रखा गया है। यहां पर चुनाव के दौरान कई लोगों ने कांग्रेस के बागी के रूप में चुनाव में लड़ा था। अब उन्हें पार्टी के समर्थन के लिए मना तो लिया गया है, लेकिन अन्य दलों द्वारा उन्हें बरगलाने का प्रयास किए जाने की संभावनाओं को टालने के लिए यहां पर एकांत में रखा गया है। भिलाई नगर के कुछ पार्षदों को स्थानीय होटलों और कुछ को सिरपुर में ठहराया गया है। यहां पर उनके साथ कुछ अन्य नगरपालिकाओं के पार्षद भी हैं।
बारनवापारा में हैं बीरगांव के पार्षद
बीरगांव नगर निगम के पार्षदों को बारनवापारा के रिसाेर्ट में रखा गया है। यहां पर कड़ाके की ठंड के बीच सभी पार्षदों के साथ कांग्रेस के पर्यवेक्षक और वरिष्ठ नेता भी हैं। बताया जाता है कि यहां पर कांग्रेस के दो बागी और तीन निर्दलीय पार्षद भी साथ हैं। महापौर और सभापति के दावेदारों को लेकर अन्य पार्षदों से रायशुमारी की जा रही है। सभी पार्षदों से राय लेकर संभावित लोगों के नाम संगठन को सौंपे जाएंगे। पहली सामान्य सभा के दौरान दोनों पदों के नामों की घोषणा की जाएगी।
नए साल में लौटेंगे
बताया जाता है कि सभी निगमों में जनवरी के पहले सप्ताह में पहली सामान्य सभा की बैठक में महापौर और सभापति का चुनाव किया जाएगा। निर्वाचन आयोग से परिणामों की घोषणा के बाद कलेक्टर नई एमआईसी गठन के लिए अधिसूचना जारी करेंगे। बताया जाता है कि चुनाव के 15 दिन के अंदर सामान्य सभा की बैठक बुलाकर प्रक्रिया पूरी की जाती है। ऐसे में 8 जनवरी तक एमआईसी का गठन पूरा कर लिया जाएगा।
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