भालू के अंत का जिम्मेदार कौन: क्या करंट लगने से हुई मौत, वन विभाग पर उठे सवाल...अधिकारी निशब्द

भालू के अंत का जिम्मेदार कौन: क्या करंट लगने से हुई मौत, वन विभाग पर उठे सवाल...अधिकारी निशब्द
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छत्तीसगढ़ के लोरमी में लगातार भालू की मौत की खबरे सामने आ रही है। लेकिन इस मामले को लेकर वन विभाग के अधिकारी मौन होते हुए नजर आ रहे है। आखिर क्यों...पढ़े पूरी खबर

राहुल यादव/लोरमी। छत्तीसगढ़ के लोरमी में लगातार भालू की मौत की खबरे सामने आ रही है। यहां पर भालू की मौत के बाद डीएफओ की मौजूदगी में भालू का अंतिम संस्कार किया गया। लेकिन इस मौत ने दो विभागों पर सवाल खड़े कर दिए है। क्योंकि कुछ समय पहले नन्हे तेंदुआ के सावक की करेंट लगने से मौत हुई थी। इस मौत के बाद एक तरफ जंगल के रेंजर ने कहा कि करंट लगने से तेंदुआ की मौत हुई थी। वहीं दूसरी तरफ बिजली विभाग के अधिकारी ने कहा कि टूटे हुए तार में बिजली सप्लाई बंद हो गई थी। दो विभाग और अलग-अलग बात, ऐसे में यह पता लगाना मुश्किल हो गया है कि कौन सच बोल रहा है और कौन झूठ? या किसी अधिकारी को बचाने के लिए सच्चाई को छुपाया जा रहा है? आपको बता दें, इससे पहले भी हरिभूमि.कॉम ने प्रमुखता से इस तरह की खबरों को उठाया है।

विभाग के जिम्मेदार अधिकारी खामोश...

दरअसल, लोरमी के खुड़िया वन क्षेत्र के दुल्लापुर इलाके में लागातार वन की कटाई और जंगली जानवरों का शिकार हो रहा है। खुड़िया वन परिक्षेत्र के अंतर्गत चचेड़ी बीट में कुछ दिन पहले मृत नर भालू का शव मिला था। इस घटना को लेकर खुड़िया के रेंजर लक्ष्मण दास पात्रे ने बताया कि, मृत नर भालू की मृत्यु हाई वोल्टेज तार के करंट की चपेट में आने से हुई है। वहीं बिजली विभाग के अधिकारी सौरभ विश्वकर्मा ने बताया कि 11हजार केव्ही तार जहां से गुजरा है। वहां आगे कोई भी ट्रांसफार्मर नहीं है। जहां से बिजली की सप्लाई हो सके। इसलिए तार टूट गए, जिसमें बिजली के तार टूटने के बाद से करंट लग गया था। इस पूरे मामले में विभाग के जिम्मेदार बड़े अधिकारी डीएफओ शमा फारुखी की मौजूदगी में पोस्टमार्टम के बाद मृत भालू का अंतिम संस्कार तो कर दिया गया। लेकिन अब तक विभाग के जिम्मेदार अधिकारी मौन बैठे हुए हैं।

क्या जगंल में हो रही तस्करी...

भालू की मौत को लेकर अधिकारियों के दो अलग-अलग जबाव की वजह से यह कहना गलत नहीं होगा कि जंगल में तस्करी हुई है। लेकिन इस बात का खुलासा कभी नहीं हो पाएगा। साथ ही इस पूरे मामले में अब वन विभाग अपनी नाकामयाबी छुपाने में लगा हुआ है। जानकारी के मुताबिक, वन विभाग के एसडीओ की मौजूदगी में पोस्टमार्टम से लेकर अंतिम संस्कार होना था। हालांकि एसडीओ की गैर मौजूदगी में मुंगेली की डीएफओ शमा फारुखी के आने पर मृत भालू के शव का अंतिम संस्कार किया गया। इन सबके बीच एसडीओ मानवेंद्र मारकंडे मौके पर नहीं पहुंचे।

नर भालू की मौत पर स्थानीय लोगों ने क्या कहा...

स्थानीय लोगों की माने तो क्षेत्र में अवैध कटाई और जंगली जानवरों का शिकार जारी है। जिसके चलते जंगली जानवरों की मौत थमने का नाम नहीं ले रही। इस घटना के बाद खुड़िया के रेंजर ने छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी खुड़िया के उपयंत्री के नाम एक पत्र जारी किया है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि खुड़िया वन परिक्षेत्र के अंतर्गत कक्ष क्रमांक 492 आर.एफ. से मुख्य विद्युत लाइन तार फैला कर गुजारा गया है, जिसका निरंतर रखरखाव के अभाव में वन क्षेत्र में कई अप्रिय घटना घटती जा रही है, बहरहाल, देखना होगा इस पूरे मामले में लापरवाही किसकी है। क्या वन विभाग के क्षेत्रीय और जिम्मेदार अधिकारी इस मामले को दबाने में जुटा है या इस पूरी घटना में नर भालू की मौत का कारण कुछ और भी है।


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