महिलाएं बन रहीं स्वावलंबी : गोबर से खाद बनाकर संवार रहीं जिंदगी, कमाए लाखों रुपए

महिलाएं बन रहीं स्वावलंबी : गोबर से खाद बनाकर संवार रहीं जिंदगी, कमाए लाखों रुपए
X
समूह की सक्रिय सदस्य सीमा ध्रुव ने बीए की पढ़ाई भी कर रही हैं। वह बताती हैं कि, पहले उनकी समूह की महिलाओं के पास काम नहीं था, लेकिन राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना गोधन न्याय योजना के तहत गांव में बने गोठान में गोबर से खाद बनाने के लिए शेड और टंकी का निर्माण किया गया है। आइए जानते हैं, इस योजना से कैसे बदल रही है ग्रामीण महिलाओं की जिंदगी...

कुश अग्रवाल/पलारी। छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी के तहत जिला प्रशासन के सहयोग से गोठानों में ग्रामीण महिलाएं विभिन्न आजीविका मूलक गतिविधियां संचालित कर स्वालंबन की राह पर अग्रसर हो रही हैं। कभी महिलाओं को दूसरे के खेतों में रोजी-मजदूरी करने जाना पड़ता था और कई महिलाएं तो घर पर ही चूल्हा-चौका में समय बिताती थीं। मगर अब शासन की गोधन न्याय योजना के चलते उनको काम तो मिला है, साथ ही महिलाएं आत्मनिर्भर भी हो गई हैं।

गोबर से खाद बनाकर हो रहीं समृद्ध

हम आज बात करेंगे बलौदाबाजार जिले के पलारी जनपद के ग्राम दतान के महिलाओं की। ये महिलाएं स्वसहायता समूह के माध्यम से गोठानों में वर्मी कम्पोस्ट, जैविक खाद का निर्माण कर समृद्ध हो रही हैं। साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ग्राम स्वराज योजना के अंतर्गत गोठान में खाद निर्माण कर स्वावलंबी हो रही हैं। देखिए वीडियो-

गोधन न्याय योजना से मिला रोजगार

ग्राम दतान के गोठान में "संगवारी महिला स्व सहायता समूह" में 10 महिलाएं जुड़ी हैं। इस समूह की सक्रिय सदस्य सीमा ध्रुव ने बीए की पढ़ाई भी कर रही हैं। वह बताती हैं कि, पहले उनकी समूह की महिलाओं के पास काम नहीं था, लेकिन राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना गोधन न्याय योजना के तहत गांव में बने गोठान में गोबर से खाद बनाने के लिए शेड और टंकी का निर्माण किया गया है।

सभी खर्च निकालने के बाद 2 लाख का मुनाफा

इस गोठान में हमारे समूह की महिलाएं दो वर्षों से लगातार गोबर खाद निर्माण कर रही है। पहली बार में एक लाख रुपए का मुनाफा हुआ है। वहीं इस वर्ष 2023 में अभी तक 540 क्विंटल खाद बनाकर 5 लाख रुपए की खाद सहकारी समितियों को बेच चुकी हैं। इससे सभी खर्चे काटकर समूह की महिलाओं को दो लाख रुपए का मुनाफा हुआ है। इसका भुगतान भी हमारे बैंक खाते के माध्यम से हो चुका है। देखिए वीडियो-

मुख्यमंत्री और जिला प्रशासन का मानती हैं आभार

समूह की महिलाएं बताती हैं कि, जबसे वे गोठान से जुड़कर काम कर रही हैं, उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत बनी है। गोबर खाद निर्माण और बिक्री करने के बाद प्राप्त आय से किसी ने अपने लिए जेवर, किसी ने अपने बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ अपने और अपने परिवार के सदस्यों की आवश्यकताओं की पूर्ति की है। महिलाएं बताती हैं कि समूह से जुड़ने के बाद वे आर्थिक रूप से सशक्त हुई है। साथ ही अपने घर परिवार की आवश्यकताओं की पूर्ति करने में सक्षम बनी हैं। समूह की महिलाओं ने गोठान से जुड़कर स्वावलंबी बनाने के लिए प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल और मार्गदर्शन के लिए जिला प्रशासन को धन्यवाद दिया है।

समूह की महिलाएं



Tags

Next Story