आत्मनिर्भरता की उड़ान भर रहीं महिलाएं : रीपा से 8 खूबियों वाले गोबर पेंट बना और बेचकर महिला समूह ने कमा लिए सवा लाख रुपये

आत्मनिर्भरता की उड़ान भर रहीं महिलाएं : रीपा से 8 खूबियों वाले गोबर पेंट बना और बेचकर महिला समूह ने कमा लिए सवा लाख रुपये
X
सरकार की ओर से अंतिम पंक्ति के व्यक्ति को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बनाई जा रही हैं। इससे उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव दिखाई देने लगे हैं और वे आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं। ऐसी ही कहानी है धमतरी जिले के ग्राम हंचलपुर में संचालित गौठान और मल्टी एक्टिविटी सेंटर की... पढ़िए पूरी खबर..

भोजराज साहू/धमतरी। गांधी जयंती के अवसर पर ‘महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना‘ की शुरुआत छत्तीसगढ़ में की गई। इस योजना का मूल उद्देश्य ग्रामीण गरीब परिवारों के लिए रोजगार और आय के साधन उपलब्ध कराने के लिए गांव के गौठानों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित करना है। सरकार की ओर से अंतिम पंक्ति के व्यक्ति को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बनाई जा रही हैं। इससे उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव दिखाई देने लगे हैं और वे आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं। ऐसी ही कहानी है धमतरी जिले के ग्राम हंचलपुर में संचालित गौठान और मल्टी एक्टिविटी सेंटर की, जहां रीपा के माध्यम से गौठान में औद्योगिक इकाई स्थापित कर ग्रामीणों को आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है। इस मल्टी एक्टिविटी सेंटर में मुर्गी पालन, बकरी पालन, केंचुआ खाद निर्माण, मशरूम उत्पादन यूनिट स्थापित किया गया है। जिला प्रशासन की ओर से इन समूह की महिलाओं और पुरुषों को दूसरे जिलों में भेजकर प्रशिक्षण भी दिलाया गया है। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद ये समूह के सदस्य बखूबी अपने काम को अंजाम देकर आर्थिक लाभ प्राप्त कर रहे हैं। जिला प्रशासन ने नवाचार करते हुए हंचलपुर मल्टी एक्टिविटी सेंटर में गोबर पेंट यूनिट स्थापित किया है। इसकी जिम्मेदारी गौठान में काम करने वाले चंचल महिला स्व सहायता समूह को दी गई है। देखिए वीडियो-

पति के साथ खेती-किसानी करती थी लकेश्वरी

इस समूह की अध्यक्ष लकेश्वरी साहू ने बताया कि समूह से जुड़ने से पहले वे अपने पति के साथ खेती-किसानी का काम करती थी, लेकिन खेती के इस काम से वह संतुष्ट नहीं थी। वह आय के नए साधन तलाश कर रही थी। तभी विभागीय अधिकारियों ने उसे समूह से जुड़कर काम करने की समझाइश दी। कक्षा 12वीं तक की शिक्षा प्राप्त कर चुकी लकेश्वरी साहू गांव के गौठान और मल्टी एक्टिविटी सेंटर से जुड़ते हुए गोबर पेंट बनाने की कला को सीखने की इच्छा जताई। चूंकि लकेश्वरी पढ़ी-लिखी, सक्रिय व समझदार महिला थी। समूह के सदस्यों के साथ उन्होंने कांकेर जिले के चारामा में गोबर पेंट बनाने का प्रशिक्षण प्राप्त किया। प्रशिक्षण प्राप्त कर लौटी लकेश्वरी व उसके साथियों ने अब हंचलपुर मल्टी एक्टिविटी सेंटर में ही गोबर पेंट बनाने का प्रयोग शुरू किया। शुरूआत में कुछ दिक्कतें आई फिर साथियों की मदद से सब ठीक हो गया। देखिए वीडियो-

रोज तैयार कर रहे 500 लीटर गोबर पेंट

लकेश्वरी अब अपने अन्य सदस्यों के साथ मिलकर प्रतिदिन लगभग 500 लीटर गोबर पेंट तैयार कर रही है। उन्होंने बताया कि अब तक उनके समूह की ओर से 1,300 लीटर से ज्यादा का गोबर पेंट तैयार कर लिया गया है। लकेश्वरी ने गोबर पेंट की खूबी बताते हुए कहा कि गोबर पेंट की एंटी बैक्टीरीया, एंटी फंगल, इको फ्रेंडली, नेचुरल थर्मल इंसुलेटर, कॉस्ट इफेक्टिव, फ्री फ्राम हेवी मेटल, नॉन आक्सीस और आर्डर लेस गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए आने वाले दिनों में भारी मांग की संभावना है, जिसे ध्यान में रखते हुए हमारे समूह के सभी सदस्य पूरी तरह तैयार है। देखिए वीडियो-

महिलाओं को प्रेरित कर रहीं लकेश्वरी

लकेश्वरी ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से भी उन्हें हर संभव मदद उपलब्ध कराई जा रही है। इसके लिए सरकारी विभागों से बड़ी मात्रा में मांग पत्र भी प्राप्त हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब तक समूह की ओर से लगभग 500 लीटर गोबर पेंट का विक्रय किया जा चुका है, जिसके एवज में उन्हें लगभग एक लाख 25 हजार रुपए की आय हुई है। लकेश्वरी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को रीपा जैसी योजना प्रारंभ करने और इस योजना के क्रियान्वयन में सहायता देने के लिए जिला प्रशासन को धन्यवाद दीं। लकेश्वरी आज अपने गांवों के अन्य महिलाओं को समूह से जोड़कर स्वरोजगार की ओर अग्रसर होने प्रेरित कर रही हैं।

Tags

Next Story