पशुओं के एंबुलेंस में लकड़ियों की तस्करी : सागौन की लकड़ियां भरकर डिप्टी डायरेक्टर खुद ड्राइव कर रहे थे एंबुलेंस, लेकिन फारेस्ट कर्मियों के आगे नहीं चली हेकड़ी...

बीजापुर। किसी योजना को लागू करने के पीछे सरकार की मंशा क्या होती है... और उस योजना पर अमल के लिए मिले संसाधनों का मैदानी अमला किस हद तक जाकर दुरुपयोग करता है... इसका सबसे सटीक उदाहरण देखने को मिला है बीजापुर जिले में। यहां पशु चिकित्सा विभाग के एक डिप्टी डायरेक्टर महोदय पशुओं का उपचार करने के लिए मौके पर पहुंचने को सरकार से मिले एंबुलेंस में सागौन की लकड़ी तस्करी करते हुए पकड़े गए हैं। उस पर भी तुर्रा यह कि साहब खुद एंबुलेंस ड्राइव कर रहे थे। वैसे भले ही कहीं से पशुओं के बीमार होने की काल आने पर ड्राइवर न होने का बहाना बनाते हों, लेकिन यहां लकड़ी पहुंचाने की इस कदर 'इमरजेंसी' थी कि साहब ने खुद ही स्टेयरिंग थाम ली। इतना महान काम कर रहे इन पशु चिकित्सा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर महोदय का नाम लल्लन सिंह बताया जा रहा है।
सरकारी एंबुलेंस से सागौन की तस्करी
मिली जानकारी के अनुसार वन विभाग को सूचना मिली थी कि एंबुलेंस के जरिए सागौन की तस्करी की जा रही है। इस पर टीम बनाकर रविवार शाम भोपालपट्नम चेकपोस्ट पर चेकिंग शुरू की। इसी दौरान एक सरकारी एंबुलेंस तेज रफ्तार में बीजापुर की ओर जाती दिखाई दी। वनकर्मियों ने एंबुलेंस रोकी तो उसके ड्राइवर ने खुद का परिचय पशु चिकित्सा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर लल्लन सिंह के रूप में दिया और कहा किसी जरूरी काम से बीजापुर जा रहा हूं। वनकर्मियों को संदेह होने पर कर्मचारियों ने एंबुलेंस की जांच कराने को कहा।
वन विभाग ने जब्त की सागौन की लकड़ियां
एंबुलेंस की तलाशी लेने पर वाहन के अंदर से सागौन की 4 नग लकड़ियां बरामद हुईं। सरकारी वाहन से सागौन तस्करी की जानकारी मिलने पर फारेस्ट नाके पर लोगों की भीड़ लग गई। बताया जा रहा है कि लकड़ियों को लेकर डिप्टी डायरेक्टर लल्लन सिंह स्पष्ट जवाब नहीं दे सके। इस पर कर्मचारियों ने इसकी सूचना अफसरों को दी और एंबुलेंस को जब्त कर लिया। इसके बाद लल्लन सिंह दूसरे वाहन से बीजापुर के लिए रवाना हो गए। लकड़ियों को वन विभाग ने जब्त कर लिया है।
लकड़ियां रालापल्ली के जंगल की
बताया जा रहा है कि वाहन में सागौन का चिरान रालापल्ली के जंगल से भरा गया था। वन विभाग की टीम ने सागौन तस्करी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए गाड़ी को जब्त कर लिया है। लेकिन पशु चिकित्सा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर की दबंगई की पूरे नगर में चर्चा है। अधिकारी के हौसले इतने बुलंद थे कि सरकारी वाहन में दिनदहाड़े सागौन लेकर जा रहे थे। इतना ही नहीं गाड़ी भी खुद ही चला रहे थे।
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